शास्त्रीय रागों से गूंजेगा विजय चौक, 3,500 ड्रोन से रोशन होंगी रायसीना की पहाड़ियां

नई दिल्ली, 28 जनवरी। गणतंत्र दिवस समारोहों के समापन का प्रतीक ‘बीटिंग द रिट्रीट’ में इस साल भारतीय शास्त्रीय रागों पर आधारित भारतीय धुनें विजय चौक पर गूंजेगी। समारोह में 29 जनवरी को राष्ट्रपति और सशस्त्र सेना की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल अनिल चौहान समेत तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल होंगे। भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के संगीत बैंड पैर थिरकने वाली 29 भारतीय धुनें बजाएंगे।

रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन और संसद के करीब विजय चौक पर होने वाला यह कार्यक्रम देश के सबसे बड़े ड्रोन शो का गवाह बनेगा, जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। ड्रोन शो सहज तालमेल के माध्यम से रायसीना पहाड़ियों पर शाम के आकाश को रोशन करेगा। ड्रोन शो में स्टार्टअप इकोसिस्टम की सफलता और देश के युवाओं का तकनीकी कौशल दिखेगा और भविष्य के पथ-प्रदर्शक रुझानों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

बोटलैब्स डायनेमिक्स की ओर से ड्रोन शो में पहली बार नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के अगले हिस्से में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान एक 3डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन होगा। समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड की ‘अग्निवीर’ धुन से होगी, जिसके बाद पाइप्स और ड्रम बैंड से ‘अल्मोड़ा’, ‘केदारनाथ’, ‘संगम दूर’, ‘सतपुड़ा की रानी’, ‘भागीरथी’, ‘कोंकण सुंदरी’ जैसी मोहक धुनें निकाली जाएंगी।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारतीय वायु सेना के बैंड ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’, जबकि ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें बजाएंगे। भारतीय सेना का बैंड ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ए मेरे वतन के लोगों’ धुन बजाएगा। कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की सदाबहार धुन के साथ होगा। समारोह के मुख्य संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लीमापोकपम रूपचंद्र सिंह होंगे।

आर्मी बैंड का नेतृत्व सूबेदार दिग्गर सिंह करेंगे, नौसेना और वायु सेना के बैंड कमांडर एम एंथोनी राज और वारंट ऑफिसर अशोक कुमार होंगे। राज्य पुलिस और सीएपीएफ बैंड के कंडक्टर सहायक उप निरीक्षक प्रेम सिंह होंगे। भारतीय सेना के नायब सूबेदार संतोष कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में बुगलर प्रदर्शन होगा और सूबेदार मेजर बसवराज वाग्गे के निर्देशन में पाइप और ड्रम बैंड बजाया जाएगा।

क्या है ‘बीटिंग द रिट्रीट’

दरअसल, चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ होता है। इस अनूठे समारोह की शुरुआत 1950 के दशक से हुई थी, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बड़े पैमाने पर बैंड का प्रदर्शन करके इस समारोह की परंपरा विकसित की थी। ‘बीटिंग द रिट्रीट’ उस समय से सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त के समय बिगुलरों के पीछे हटने की आवाज देते ही सैनिक अपने हथियार बंद करके युद्ध से अलग हो जाते थे।

यही कारण है कि पीछे हटने की आवाज के दौरान खड़े होने की प्रथा आज तक बरकरार रखी गई है। रंग और मानक आवरण वाले झंडे सैनिकों के पीछे हटने पर उतारे जाते हैं। ड्रम बिट्स उन दिनों को याद करते हैं जब शाम को नियत समय पर कस्बों और शहरों में सैनिकों को उनके क्वार्टर में वापस बुला लिया जाता था। इन सैन्य परंपराओं के आधार पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह बीते समय की पुरानी यादों का माहौल बनाता है।

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