उत्तर प्रदेश

सही से हाथ धुलें, बच्चों को डायरिया-निमोनिया व सांस की बीमारियों से बचाएं

औरैया, 14 अक्टूबर । हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना समेत अन्य बीमारियों से बच सकते हैं। उन्हीं हाथों से मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियां शरीर में जाती हैं। इस बारे में समुदाय को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथ धुलाई दिवस) मनाया जाता है। वर्ष 2022 में इस दिवस की थीम ”यूनिवर्सल हैंड हाइजीन के लिए एकजुट हों” है।

इसकी जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि अगर हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो निमोनिया और डायरिया की चपेट में आने में निश्चित रूप से बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है। शुरू में बच्चे इन्हीं दोनों बीमारियों की चपेट में बार-बार आते हैं। वह इधर-उधर की वस्तुएं छूने के बाद उंगली मुंह में डाल लेते हैं या फिर उसी गंदे हाथों से कुछ खा पी लेते हैं। इससे पहले तो डायरिया फिर कुपोषण की भी जद में आ जाते हैं। इससे उनका पूरे जीवन चक्र प्रभावित हो जाता है।

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजीत सिंह कुशवाहा ने बताया की मां बच्चे को छूने व स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने व खाने से पहले, खांसने-छींकने के फौरन बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद और शौच के बाद साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से हाथों को अवश्य धुलें। बाहर से घर आने पर साबुन-पानी से पहले हाथ व पैर अच्छी तरह धुलें तभी अंदर प्रवेश करें। इसके अलावा कोई वस्तु या सतह को छूने के बाद भी हाथों को धुले या सेनेटाइज करें।

उन्होंने बताया कि बिना हाथ धोए खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन करने से यह गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है। जो बाद में कई बीमारियों का कारण बनती है। हाथों को साफ रखने से स्वाइन फ्लू और संक्रमण से भी काफी हद तक बचा जा सकता है। हाथों को अच्छी तरह से धुलने के बाद लोग कपड़े से पोंछ लेते हैं जिससे उस सफाई का कोई मतलब नहीं रह जाता है, इसलिए हाथों को धुलने के बाद उसे हवा में ही सुखाएं और अपने को संक्रमण से बचाएं।

हाथों की सही सफाई ‘सुमन-के’ (एसयूएमएएन-के) ने समझाई

साबुन-पानी से हाथों की सही तरीके से सफाई के छह प्रमुख चरण बताये गए हैं, जिसे सुमन-के विधि से समझा जा सकता है। एस का मतलब है पहले सीधा हाथ साबुन-पानी से धुलें, यू-फिर उलटा हाथ धुलें, एम-फिर मुठ्ठी को रगड़-रगड़कर धुलें, ए-अंगूठे को धुलें, एन-नाखूनों को धुलें और के-कलाई को अच्छी तरह से धुलें। इस विधि से हाथों की सफाई की आदत बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए और उसकी अहमियत भी समझानी चाहिए।

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