हरियाणा

जुलाहा कबीरपंथी समाज कल्याण महासंघ ने मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन को ज्ञापन सौंप।

सोनीपत

हरियाणा प्रदेश जुलाहा कबीरपंथी समाज कल्याण महासंघ ने मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन को एक ज्ञापन सौंपकर जुलाहा कबीरपंथी जाति को सरकारी रिकॉर्ड में चमार जाति से अलग करने की मांग की है। ज्ञापन की कॉपी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, मुख्य सचिव संजीव कौशल को भी भेजी है।      ज्ञापन में लिखा है कि संयुक्त पंजाब के समय से जुलाहा जाति को चामड, चमार, जटिया चमार, रायगर और रविदास के साथ जोड़कर चमार जाति में शामिल कर दिया और जाति प्रमाण पत्र भी चमार जाति के बनाए जाने लगे। जबकि सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और व्यवसायिक रूप से अलग है और कभी भी आपस में रोटी-बेटी का रिश्ता नहीं रहा। व्यवसायिक रूप से चमार (जुलाहा) को ताना, बुनकर माना जाता है।      ज्ञापन में कहा हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2008 में 3 जाति चुहड़ा, भंगी और चमार शब्द का प्रयोग अपमानजनक मानकर प्रतिबंधित कर दिया था फिर भी सरकार इन्हीं तीनों शब्दों का प्रयोग करके जाति प्रमाण पत्र जारी करती है बार-बार संशोधन का आग्रह करने के बावजूद इन्हीं नामों से जाति प्रमाण पत्र बनने से संवैधानिक सम्मान अधिकारों का हनन होने के साथ-साथ आपसी भाईचारा भी बिगड़ रहा है।       ज्ञापन में कहा कि हरियाणा सरकार संयुक्त पंजाब के समय से चले आ रहे गैर जरूरी विधेयकों को निरस्त एवं संशोधन का काम कर रही है, इसलिए विधानसभा में चल रहे सत्र में यह संशोधन विधेयक लाकर जुलाहा समाज को राहत दी जाये। ज्ञापन सौंपने वालों में करतार सिंह श्योराण, मूलचंद सरोहा, रतनलाल, महावीर पोरिया, ओमप्रकाश रंगा, मेहर सिंह सिंधिया, बलजीत सिंह, सतपाल सरोहा, विक्रम सिंह मौजूद थे।

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