राष्ट्रीय

स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए भारत 26 लड़ाकू विमान खरीदेगा

– बोइंग और डसॉल्ट एविएशन के डेक आधारित लड़ाकू विमानों का परीक्षण पूरा

– नौसेना को स्वदेशी विमानवाहक के लिए समुद्री लड़ाकू विमानों की तेजी से तलाश

नई दिल्ली, 05 जुलाई । आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को मिलने वाले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए भारत जी-2-जी आधार पर 26 लड़ाकू विमान खरीदेगा। भारतीय नौसेना को स्वदेशी विमानवाहक के लिए समुद्री लड़ाकू विमानों की तेजी से तलाश है। खरीद का सौदा करने से पहले भारतीय नौसेना ने बोइंग और डसॉल्ट एविएशन के डेक आधारित लड़ाकू विमानों का परीक्षण पूरा कर लिया है।

भारतीय नौसेना के मल्टी-रोल कैरियर बोर्न फाइटर के लिए आपातकालीन खरीद नीति के तहत सरकार-से-सरकार सौदे के माध्यम से 26 एयरफ्रेम प्राप्त किए जाएंगे। पहले इस तरह के 57 विमान खरीदे जाने थे लेकिन बाद में यह संख्या घटाकर 26 कर दी गई है। अब 26 अन्य लड़ाकू विमान ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत लड़ाकू विमान इंजन का निर्माण करने के बाद भारत में ही बनाये जायेंगे। भारतीय नौसेना को 26 विमानों में 8 ट्विन सीटर ट्रेनर चाहिए, जिनका उपयोग युद्ध की स्थिति में भी किया जा सके। बोइंग और डसॉल्ट एविएशन के फाइटर्स वस्तुतः एक ही विंटेज के हैं और दोनों निर्माताओं के पास भारत में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल सुविधाएं हैं।

साउथ ब्लॉक के अधिकारियों के अनुसार भारत आईएनएस विक्रांत के लिए लड़ाकू विमानों को पट्टे पर नहीं लेना चाहता है, इसलिए भारतीय नौसेना फ्रांसीसी डसॉल्ट या यूएस बोइंग से डेक-आधारित लड़ाकू विमानों की खरीद करेगी। फ्रांसीसी डसॉल्ट ने भारत के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री करने और बोइंग कंपनी ने पी8आई पनडुब्बी रोधी युद्धक प्लेटफॉर्म, चिनूक हेलीकॉप्टर और सी-17 भारी लिफ्ट विमान बेचने के मामले में डील की है। अमेरिकी नौसेना ने अफगान और इराक युद्धों में परीक्षण किए जा रहे एफ-18 के साथ दोनों विमानों ने ट्रैक रिकॉर्ड साबित किया है।

अमेरिकी नौसेना के 2 बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट गोवा में भारतीय नौसेना के आईएनएस हंसा में तट आधारित परीक्षण सुविधा (एसबीटीएफ) में 23 मई को पहुंचे थे। वाहक आधारित बहु भूमिका वाले बोइंग एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमानों ने लगभग एक माह तक उड़ान परीक्षण किया है। अभ्यासों की श्रृंखला में दोनों सुपर हॉर्नेट जेट ने भारतीय नौसेना के साथ स्की-जंप ट्रायल भी किया। मल्टीरोल कैरियर बेस्ड फाइटर (एमआरसीबीएफ) प्रतियोगिता के हिस्से के रूप में इन विमानों का तकनीकी मूल्यांकन किया गया है। हालांकि अमेरिकी कंपनी बोइंग इंडिया विमानवाहक पोत विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान का आधिकारिक तौर पर पिछले साल अगस्त में स्की जंप परीक्षण का प्रदर्शन कर चुकी है।

विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए भारतीय नौसेना ने इसी साल जनवरी में गोवा स्थित आईएनएस हंसा में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन’ का भी परीक्षण किया था। राफेल जेट के समुद्री संस्करण ‘राफेल मरीन’ में एक अंडरकारेज और नोज व्हील, एक बड़ा अरेस्टर हुक, एक एकीकृत सीढ़ी जैसे कई अन्य मामूली अंतर हैं। स्की टेक-ऑफ के लिए राफेल-एम चार-पांच टन बाहरी भार (पूर्ण आंतरिक ईंधन के साथ) तक ले जा सकता है। कम आंतरिक ईंधन के साथ यह मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर अधिक हथियार ले जा सकता है। भारत की जरूरतों के लिहाज से फ्रांसीसी कंपनी ने परमाणु सक्षम एक ‘राफेल मरीन’ स्की-जंप करने की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए भारत भेजा था।

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