किसानों की फसल खरीद के लिए सरकार जल्द करें इंतजाम, नही हुआ तो भारतीय किसान संघ जिला स्तर पर करेगा आंदोलन : सतीश छिकारा
* भाकिस. प्रदेश अध्यक्ष सतीश छिकारा बोले-सरकार व आढ़तियों की लड़ाई में पीस रहा प्रदेश का किसान
* कृषि प्रधान देश में किसानों की दुर्दशा दयनीय, सरकार किसानों के हितों से नही करे कोई खिलवाड़ : सतीश छिकारा
सिद्धार्थ राव, बहादुरगढ़। आज प्रदेश मे सरकार की नीति स्पष्ट नही होने की वजह से किसान परेशान व हताश हैं। किसानों की फसल तैयार हो चुकी हैं। मगर आढ़तियों की हड़ताल के कारण फसल बिक नही पा रही है और ना ही सरकार ने धान की खरीद की शुरुआत की है। भारतीय किसान संघ प्रदेशाध्यक्ष सतीश छिकारा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब तक किसान की फसल नही बिकेंगी तो वह रुपयों के अभाव में अपनी अगली फसल की बुआई की योजना नही बना सकता। किसान नेता सतीश छिकारा ने कहा कि दूसरी तरफ बाजरे की फसल भी करीब महीनेभर से मंडी में आ चुकी हैं जो सस्ते भाव मे यानी 1600-1700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से मजबूरी में बेचनी पड़ रही है। जबकि इस बारे में सरकार की तरफ से आज तक कोई भी स्पष्ट नीति घोषित नही की गई हैं कि किसान को एमएसपी की 2350 रुपये प्रति क्विंटल की भरपाई कैसे होंगी? भारतीय किसान संघ प्रदेशाध्यक्ष सतीश छिकारा ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में एक नवंबर से गन्ने की मिलो में गन्ना पिराई भी शुरू हो रही है और अभी तक गन्ना किसानों के लिए कोई भी शेड्यूल तय नहीं किया गया है। किसान नेता सतीश छिकारा ने कहा कि भारतीय किसान संघ सरकार से पूछना चाहता है कि क्या सरकार के अधिकारियों को यह नहीं पता होता है कि कौन सी फसल कब तैयार होंगी। सरकार व अधिकारियों को कम से कम 1 महीना पहले उसकी खरीद के लिए इंतजाम व स्पष्ट नीति घोषित करनी चाहिए ताकि किसान व व्यापारियों को इस तरह की समस्याओं से नही जूझना पड़े। उन्होंने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि कृषि प्रधान देश में किसानों की इतनी दुर्दशा की जा रही हैं कि उनको फाँसी तक भी लगानी पड़ रही हैं। सतीश छिकारा ने कहा कि आज बरसात का मौसम है, किसानों का बाजरा, धान मंडियों में सड़ रहा है। सरकार व आढ़ती खरीददारी नही कर रहें है। किसान बेचारा मजबूरी में पीस रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले सीजन में मार्केटिंग फीस 1 प्रतिशत थी जो इस बार सरकार द्वारा 4 प्रतिशत कर दी गई है इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और किसान को फसल के दाम कम मिलेंगे व बेवजह बोझ पड़ेगा। इसको कम किया जाना चाहिए। मिलों द्वारा बासमती धान एमएसपी के अलावा खरीदा जाता है जिस पर सरकार ने 20 प्रतिशत टेक्स लगा दिया है इससे भी किसान को कम कीमत मिल रही हैं। यह भी सरकार को किसान के बारे मे सोचना चाहिए। भारतीय किसान संघ प्रदेशाध्यक्ष सतीश छिकारा ने सरकार से मांग की हैं कि जल्द से जल्द बातचीत के माध्यम से आढ़तियों की समस्या सुलजाई जाये और सरकार द्वारा समय से पहले स्पष्ट खरीद नीति की घोषणा की जाए और टेक्स सम्बन्धी समस्याओं का निवारण किया जाये वरना भारतीय किसान संघ जिला स्तर पर पूरे प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होगा। इस अवसर पर जयप्रकाश डागर, विजय शर्मा, बिट्टू सैनी, रमेश सहरावत, हवा सिंह सहवाग, मास्टर सुरेंद्र छिल्लर, नरेंद्र सहरावत, धर्म देव, सिद्धू, सचिन, रमेश छिल्लर आदि मौजूद रहें।