राष्ट्रीय

बीएचयू वाराणसी द्वारा लगाई गई सकास पुरास्थल के उत्खनन की केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने की प्रशंसा

डेहरी आन सोन, 27 दिसम्बर। बिहार में रोहतास जिले के जीएनएस विश्वविद्यालय में चल रहे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सम्मेलन में पधारे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। जिसमें सकास पुरास्थल के उत्खनन संबंधित विवरण प्रस्तुत किए गए हैं ।वे उसे देखकर बेहद प्रसन्न हुए एवं सकास पुरास्थल के उत्खनकर्ता डॉ विकास कुमार सिंह से पुरास्थल के उत्खनन से संबंधित विभिन्न पक्षों पर जानकारी ली।

मौके पर मौजूद अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ बालमुकुंद पाण्डेय को सकास पुरास्थल की जानकारी देते हुए डॉ सिंह ने बताया कि सकास पुरास्थल रोहतास जिले में स्थित है । इसका उत्खनन 2018 से 2021 तक तीन सत्रों में किया गया। सकास के उत्खनन से तीन सांस्कृतिक कालों के प्रमाण प्राप्त हुए हैं जो क्रमशः आरंभिक कृषक समुदाय, नव पाषाण काल, संक्रमण काल एवं ताम्र पाषाण काल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यहां से डोरी छाप मृदभांड, लाल एवं काले मृदभांड, लाल मृदभांड, काले चमकीले मृदभांड आदि प्रकार के मृद्भांडों से निर्मित कटोरे, जार, तश्तरियां, घड़े आदि पात्रों के टुकड़ों के साथ – साथ प्रस्तर निर्मित गोफन, कुल्हाड़ियां, बाट, अर्धकीमती पत्थरों से बने मनके, सेलखड़ी से बने मनके, हड्डी के मनके, पकी मिट्टी से बने विभिन्न प्रकार के खिलौने,पकी मिट्टी के मनके, अश्मनिर्मित बेधक एवं लघु पाषाण उपकरण आदि बहुतायत मात्रा में प्राप्त हुए हैं।

डॉ सिंह द्वारा दिए गए विवरण के पश्चात् मंत्री व बालमुकुंद ने ऐसे कार्य को आगे भी जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। मंत्री जी ने उत्खनन में सम्मिलित टीम के सदस्यों के साथ भी मुलाकात की एवं उनके साथ छायाचित्र भी करवाया।

उत्खनन टीम में सम्मिलित सदस्यों में डॉ सिंह के अतिरिक्त, डॉ रत्नेश त्रिपाठी, छोटे लाल पाण्डेय, डॉ सुदर्शन चक्रधारी, डॉ बृज मोहन, डॉ धनंजय कुमार, डॉ आफताब आलम, अनीशा आदि मौजूद थे ।

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