राई हलके के समाजसेवी जयभगवान आंतिल ने 325 कम्बल वितरित कर बुजुर्गों का सम्मान किया
समाजसेवी जयभगवान आंतिल अटेरना गांव में बुर्जुर्गों को कम्बल वितरित करते हुए।
राई। मकर सक्रान्ति के अवसर पर राई हलके के प्रसिद्ध समाजसेवी जयभगवान आंतिल ने अटरेना गांव में बुर्जुगों के सम्मान में 325 कम्बल वितरित कर बुजुर्गों का सम्मान किया। उनके द्वारा किए गए कार्यक्रम की बुर्जुर्गों ने सराहना की। जयभगवान आंतिल ने नई पीढ़ी को वृद्धों के प्रति सम्मान की भावना जागृत करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मकान बना लेना बड़ी बात नहीं है, न ही इसमें बहुत समय लगता है। बड़ी बात है मकान को घर बनाना। घर अपनों से बनता है, बच्चों, बड़े और बुजुर्गों के प्रेम से बनता है। वर्तमान जीवनशैली में संयुक्त परिवार की परंपरा कम होती जा रही है। समाजसेवी जयभगवान आंतिल ने कहा कि पहले जहां घर-परिवार के बुजुर्गों का सर्वोच्च स्थान हुआ करता था, अब उसमें कमी आ रही है। छोटे परिवार की चाहत में लोग अपने बुजुर्गों से दूर हो रहे हैं। बच्चे दादा-दादी के प्यार से महरूम हो रहे हैं। हम आज जो भी हैं, घर के बुजुर्गों की ही बदौलत हैं। इसलिए हमें उनकी अनदेखी नहीं, बल्कि उनका सम्मान करना चाहिए। अफसोस इस बात का है कि वृद्धों को सम्मान करने के लिए नई पीढ़ी को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने विदेशों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता से सबक लेकर विदेशों में संयुक्त परिवार की संस्कृति लगातार फैल रही है। जबकि पाश्चत्य संस्कृति में डूबा भारत अब इसका महत्व खत्म करने पर तुला है। इस मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।