शहर के कच्चे क्वाटर स्तिथ हनुमान मंदिर में हनुमान जन्म महोत्सव कार्यक्रम में झंडा पूजन का आयोजन हुआ
हनुमान जन्म महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन
सोनीपत ,रमेश कुमार।– शहर के कच्चे क्वाटर स्तिथ हनुमान मंदिर में हनुमान जन्म महोत्सव कार्यक्रम में झंडा पूजन का आयोजन हुआ । महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बीजेपी प्रवक्ता व सीएम विंडो इंचार्ज तरुण देवीदास ने शिरकत की । तरुण देवीदास को आयोजन समिति ने पटके पहनाकर व फूल मालाओं से स्वागत किया । तरुण ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करते हुए कहा कि हनुमान जी हमें जीवन जीने की कला सिखाते है । श्रीराम के प्रति भगति भावना,समर्पण भाव को जीवन में उतारने का प्रयास हमें करना चाहिए,सकीर्तन हमें जीवन जीने की कला सिखाता है हम पाठ की गहराई में उतरकर कर जीने की कला को सीख सकते है । आज के समय में मनुष्य को खुशियां तलाशने के लिए घर से बाहर भागना पड़ रहा है, जबकि कटु सच्चाई यह है कि सभी खुशियां तो हमारे अपनों को खुश करने में ही निहित है। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य की पहचान उसके संस्कारों उसकी वृत्ति से बनती है। हालांकि वृत्ति के पीछे माता-पिता के संस्कार भी मूल्य रखते हैं और मनुष्य अपने पिछले जन्म के कर्मों का फल भी पाता है। इसलिए हमें इस जन्म में पुण्य कार्य करने चाहिए। मनुष्य के पिछले जन्म के कर्म भी साथ रहते हैं। इसलिए हमें जो मानव जीवन मिला है हम उस जीवन को पुनीत बनाएं और इस जीवन में प्रभु की भक्ति के साथ मानवतावाद का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने आगे कहा कि श्री हनुमान जी के चरित्र को जीवन मे धारण करके ,उनकी भगती करके बड़ी से बड़ी मुसीबत नजदीक नही आती । श्रद्धालुओं को उनके चरित्र को जीवन मे डालने का आह्वान किया और कहा कि निराशा की पराकाष्ठा में एक ही मार्ग बचता है और वह है शरणागति का। यदि शरणागति का सर्वोच्च दृष्टांत देखना है तो अधर्म की पराकाष्ठा में जीने वाले मारीच का देखें। मारीच का दोष-गुण हमारे-तुम्हारे में भी है। राम और रावण दोनों के हाथों अपनी मौत को निश्चित मानकर मारीच प्रभु के हाथों मरना ही श्रेयस्कर मानता है। हर किसी की मृत्यु निश्चित है और यह जीवन का सत्य भी है, फिर भी इंसान मौत से डरता है। हमें हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए जिससे व्यक्ति मर के भी अमर हो जाता है । इस अवसर पर संस्था के प्रधान संजय ,स्वामी सुरेशानंद सोनीपत वाले,लवली चावला, अविनाश मलिक, सुशील सोलंकी, कपिल शर्मा,चंचल मल्होत्रा मौजूद रहे।