बिहार

पश्चिम चंपारण के सत्या को अहमदाबाद में मिलेगी नई जिंदगी

बेतिया, 28 सितंबर। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत वृंदावन गांव, चनपटिया के सत्या को नई जिंदगी मिलने वाली है। सत्या को 30वें बैच में मंगलवार को बेतिया से पटना के लिए एम्बुलेंस में रवाना किया गया। सिविल सर्जन डॉ बीरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि सत्या की उम्र अभी लगभग चार साल है। उसे दिल में छेद के ऑपरेशन व उपचार के लिए अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल ले जाया जाएगा। जहां उसका समुचित इलाज किया जाएगा।

आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ रंजन मिश्रा ने बताया कि सत्या को जन्म से ही दिल की बीमारी थी। वह आम बच्चों की तरह ज्यादा उछल कूद करने पर हांफने लगता था। उसके पिता गरीब वर्ग से आते हैं।

एक साल पहले हुई थी स्क्रीनिंग

डॉ मिश्रा ने बताया कि सत्या की स्क्रीनिंग एक साल पहले आइजीआइसी में सत्य साईं हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम ने किया था, जिसमें दिल में छेद की पुष्टि हुई थी। यह बीमारी जन्मजात होती है। गर्भकाल के दौरान उचित पोषण या देखभाल नहीं होने के कारण भी इस तरह के रोग जन्म के समय से ही बच्चों में होते हैं। इसके पिता काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। दिल्ली के निजी अस्पतालों में भी इलाज कराकर इसका परिवार थक चुका था।

सात निश्चय योजना के तहत हुई शुरुआत

जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि बिहार में बाल हृदय योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के वैसे बच्चे जो जन्म से ही दिल में छेद लेकर पैदा हुए हैं, उनको सहायता करना है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के चिकित्सक, आंगनबाड़ी और स्कूलों में जाकर बच्चों के हेल्थ की स्क्रीनिंग करते हैं। जिनमें से दिल में छेद वाले बच्चों को चुना जाता है।

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