कोरोना कर्मचारियों के धरने को सकसं और पूर्व विधायक ने दिया समर्थन

कोविड कर्मचारियों को निकालना सरकार की सबसे बड़ी भूल

फतेहाबाद

जिले में कोरोना काल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर लोगों की जान बचाने वाले कोरोना योद्धाओं को हटाने के सरकार के फैसले का कर्मचारी संगठनों ने भी विरोध किया है। हटाए गए कोविड आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा सेवा बहाली को लेकर शुरू किए गए आंदोलन को आज सर्व कर्मचारी संघ और रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा जहां अपना समर्थन दिया गया वहीं सरकार से इन कर्मचारियों की बहाली न करने पर इनके संघर्ष में भाग लेने की चेतावनी भी दी गई।

पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा ने भी आज नागरिक अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे इन कर्मचारियों के बीच जाकर उनकी बात सुनी और सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए इन कर्मचारियों को तुरंत दोबारा ड्यूटी ज्वाइन करवाने की मांग की। इस अवसर पर कोविड आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा पूर्व विधायक को एक मांग पत्र भी सौंपा गया।

कर्मचारियों का समर्थन करते हुए पूर्व विधायक गिल्लाखेड़ा ने कहा कि जिस समय कोरोना ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाई हुई थी, उस समय इन कर्मचारियों ने जनसेवा का अपना धर्म निभाते हुए अपनी सेवाएं दी। कोरोना काल के दौरान इनकी सेवाओं को सभी ने सराहा लेकिन जैसे ही कोरोना का प्रभाव कम हुआ, सरकार इन कर्मचारियों के योगदान को भूल गई और इन्हें नौकरी से हटाकर इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया। इन कर्मचारियों को निकालना सरकार की सबसे बड़ी भूल है।

उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए सरकार से तुरंत इन्हें दोबारा ड्यूटी पर लेने की मांग की और कहा कि वे इस मामले में पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से बात करेंगे और उनकी समस्या को प्रमुखता से उठाया जाएगा। अगर सरकार इन कर्मचारियों की बहाल नहीं करती तो कांग्रेस के सत्ता में आते ही इन्हें दोबारा काम पर लिया जाएगा।

इसके अलावा सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान भूप सिंह भड़ोलांवाली व जिला सचिव सुरजीत दुसाद के नेतृत्व में अनेक कर्मचारी नेताओं ने भी धरनास्थल पर जाकर इन कर्मचारियों का समर्थन किया। रोडवेज कर्मचारी यूनियन से दीपक बल्हारा, सुरेन्द्र मलिक, राजेश भादू सहित कर्मचारी धरनास्थल पर पहुंचे। इन्होंने कोविड कर्मचारियों के समर्थन में सात अप्रैल को कुछ समय के लिए रोडवेज में कामकाज ठप्प कर धरना देने और उनके आंदोलन में सहयोग करने की बात कही।

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