हिसार : जिले में पशुओं को लंपी स्किन रोग से बचाने के लिए 70 टीमें गठित
गौशालाओं में अभी तक 8400 वैक्सीन की दी जा चुकी है खुराक : उप निदेशक
डीसी ने पशु मेले लगाने व पशुओं को लाने ले जाने पर लगाई पाबंदी
हिसार, 23 अगस्त। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने जिले में पशुओं को लंपी स्किन रोग से बचाने के लिए 70 टीमें गठित की हैं। गठित टीमों द्वारा एक सप्ताह के दौरान जिले के सभी पशुओं को वैक्सीन लगा दी जाएगी। जिलाधीश डा. प्रियंका सोनी ने लंपी स्किन रोग के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत जिले में पशु मेला लगाने, पशुओं को दूसरे जिलों तथा राज्यों से लाने और ले जाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं
विभाग के उपनिदेशक श्रीभगवान ने मंगलवार को बताया कि लंपी स्कीन बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न गौशालाओं आदमपुर, बालसमंद, मोहब्बतपुर, सीसवाल, नारनौंद तथा उकलाना में 8400 वैक्सीन अभी तक लगाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जिले में लगभग एक लाख छह हजार गाय व बैल हैं, जिनमें 51 हजार गाय विभिन्न गौशालाओं में हैं। गौशालाओं में लुवास द्वारा गठित की गई टीमों द्वारा वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि जिले में विभाग के 86 अस्पताल व 140 डिस्पेंसरियां हैं। लंपी स्किन रोग के बचाव के लिए गठित की गई प्रत्येक टीम में पांच कर्मचारियों को शामिल किया गया है जिनमें, एक वीएस, एक वीएलडीए तथा शेष स्टाफ के सदस्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम तक एक लाख 10 हजार वैक्सीन जहाजपुल के साथ सेंट्रल स्टोर में पहुंचने के बाद बुधवार से विभाग द्वारा गठित टीमों के कर्मचारी पशुओं को वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू कर देंगे।
उपनिदेशक ने बताया कि जिन पशुओं में लंपी स्किन बीमारी के लक्षण आ चुके हैं, उनको इस वैक्सीन की खुराक नहीं दी जाएगी बल्कि चिकित्सकों द्वारा उनका उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लंपी स्किन रोग से गाय ज्यादा प्रभावित हुई हैं। यह एक वायरस रोग है, जो एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है। उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा है कि जिस पशु में इस रोग के लक्षण नजर आते हैं तो उसे अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। लंपी स्किन से प्रभावित पशु को खुले में न छोड़े। गौशालाओं एवं पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव, फोगिंग इत्यादि करवाएं ताकि मच्छर, मक्खी एवं चिचड़ आदि से बीमारी फैलने का अंदेशा रहता है।