बिहार

आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कर रही हैं कुष्ठ मरीजों की खोज

मोतिहारी,12 अक्टूबर। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चल रहा है। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में संबंधित क्षेत्र की स्थानीय आशा कार्यकर्ता समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर मरीजों की पहचान की जा रही है।सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवन पासवान ने बताया कि सदर प्रखंड मोतिहारी के बासमन, बरवा,पतौरा,गोढ़वा समेत कई स्थानों पर आशा कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कुष्ठ रोगियों की सघन खोज अभियान चलाया जा रहा है।

जिले के एसीएमओ डॉ रंजीत रॉय ने बताया कि लोगों को कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण, बचाव की जानकारी दी जा रही है। वहीं, कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिलने पर उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज के लिए भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इस बात का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि एक भी घर छूटे नहीं और शत-प्रतिशत मरीजों की पहचान सुनिश्चित हो सके।

जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी रंजीत राय ने बताया, कि इसमें दो तरह के मरीज मिलने की संभावना रहती है। पहला पीबी यानी जिस मरीजों को एक से दो जगहों पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 06 माह और दूसरा एमबी यानी जिन्हें दो से अधिक जगहों पर बीमारी की विकृति है, उन्हें 09 माह तक दवाई का सेवन करना जरूरी है। तभी बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया, सामान्य मरीजों के लिए पीएचसी स्तर पर समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जबकि, गंभीर मरीजों को जिला स्तरीय अस्पताल भेजा जाता है।

-क्या है कुष्ठ रोग ?

.कुष्ठरोग जीवाणु से होने वाला एक रोग है।

.कुष्ठ रोग नस और त्वचा दोनों को प्रभावित करता है।

.यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए एवं लंबे समय तक साथ रहने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की प्रबल संभावना रहती है और विकलांगता भी हो सकती है।

.यह किसी भी व्यक्ति, किसी उम्र की महिला-पुरुष को प्रभावित कर सकता है।

.सही समय पर रोग की पहचान एवं उपचार प्रदान कर रोग को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सकता है।

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