उत्तर प्रदेश

धान में लगने वाले कीटों ने बर्बाद किया 12 सौ एकड़ गेहूं की फसल

– गेहूं की फसल सफाचट्ट करते देख हैरान हैं कृषि वैज्ञानिक

– दोबारा करनी पड़ी बुवाई, सहजनवां तहसील क्षेत्र के किसानों के खेतों में दिखा प्रकोप

गोरखपुर, 30 दिसंबर । सहजनवां तहसील क्षेत्र के किसानों की 12 सौ एकड़ गेहूं की फसल को धान में लगाने वाले सैनिक कीटों ने बर्बाद कर दिया है। सबसे अधिक नुकसान पाली ब्लाक के किसानों का हुआ है। जिन गाँवों में इन सैनिक कीटों का प्रकोप हुआ है उनमें चड़राव, मांट, विडार, मुजौली जैसे गांव शामिल हैं।

आलम यह है कि इन गाँवों के किसानों समेत अन्य गाँवों के किसान परमहंस, हनुमान, विद्या सिंह, मोहर, विजई जयराम, भोरिक समेत एक दर्जन से अधिक किसानों को अपने खेतों में गेहूं की दोबारा बुवाई करनी पड़ी है। इन कीटो का असर बड़हलगंज, बासगांव और चौरीचौरा क्षेत्र में भी देखा जा रहा है। सहजनवा तहसील क्षेत्र में लगभग 450 किसानों की खेती प्रभावित हुई है। कृषि वैज्ञानिक अब बचाव में जुटे हैं।

गांव प्रभावित किसान रकबा (एकड़ में)

चड़राव 30 100

मांट 125 300

विडार 25 80

मुजौली 100 350

भिटनी 35 100

रामडीह 25 90

टिकरिया 30 125

गोहटा 30 150

नेवास 6 10

धान की फसल पर पाये जाने वाले हैं कीट

धान की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले सैनिक कीटों के गेहूं की फसलों पर हमला से कृषि वैज्ञानिक अचंभित हैं। इनका कहना है कि पहली बार इन कीटों द्वारा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाते देखा जा रहा है। इसके पहले यह कीट धान की फसल तैयार होने के बाद उनकी बालियों को काटकर गिरा देते थे।

सिंचाई हुए गेंहू की फसल को पहुँचाया नुकसान

कृषि वैज्ञानिक डा. शैलेन्द्र सिंह बताते हैं कि सहजनवां में नुकसान हुए फसलों का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में यह पता चला कि सैनिक कीटों ने केवल उन्हीं फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिनकी सिंचाई हो चुकी है। सिंचाई के बाद यह कीट गेहूं के पौधों की पत्तियों को खा जा रहे हैं।

सबसे अधिक नुकसान लार्वा से

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इन कीटों के लार्वा फसलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। दवा के छिड़काव से लार्वा समाप्त होंगे। कृषि रक्षा अधिकारी आरडी वर्मा के मुताबिक ये कीट रात के समय ही फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। भुड़ली अथवा भुईली के आकार में दिखने वाले ये कीट सबसे पहले गेहूं की पत्तियों को खाते हैं, फिर उसे जड़ तक समाप्त कर जाते हैं। ये दिन में मिट्टी के नीचे रहते हैं।

दवा का करें छिड़काव

कृषि रक्षाधिकारी आरडी वर्मा ने बताया कि सैनिक कीटों से बचने के लिए किसानों को लेम्ब्रडासायहेलोथ्रीन, क्लोटोपायरिफास, कार्बोफ्यूरान और कारटाप हाड्रोक्लोराइड दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के वक्त खेतों में नमी होनी चाहिए।

यह है छिड़काव की मात्रा

लेम्ब्रडासायहेलोथ्रीन को एक लीटर पानी में दो एमएल मिलाकर छिड़काव करें। क्लोटोपायरिफास को भी एक से डेढ़ एमल एक लीटर पानी में मिलाकर ही छिड़कें। कार्बोफ्यूरान और कारटाप हाड्रोक्लोराइड दवा दानेदार है। इसे यूरिया में मिलाकर 12-12 किलो तैयार कर प्रति एकड़ खेतों में छिटकाव करें। किसी एक ही दवा का छिड़काव करें। सैनिक कीटों को समाप्त करने के लिए कारगर हैं।

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