सुख में भी प्रभू स्मरण करें तो दु:ख कभी नजदीक नही आता : गुप्ति सागर महाराज
गुप्तिधाम में प्रवचन के बाद श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते गुप्ति सागर महाराज
गन्नौर। राष्ट संत गुप्ति सागर महाराज ने कहा कि हर राह में जगह-जगह कांटे बिखरे मिलेंगे। इसलिए हमें धर्म की राह पर चलते हुए जीवन के सफर में आगे बढ़ना होगा। व्यक्ति यदि वह सुख के समय में भी प्रभू स्मरण करे तो कभी दुख नजदीक नहीं आता। मुनि गुप्ति सागर महाराज गुप्तिधाम में प्रवचनों की अमृत वर्षा कर रहे थे। प्रवचन करते हुए मुनिश्री ने कहा कि हमें अपनी जिंदगी को बेबसी व मुश्किलों से दूर कर कर्तव्यों की ओर गतिमान होना है। सही रास्ते पर ले जाने वाले व्यक्ति को ही माता-पिता कहलाने का अधिकार है और इसलिए माता-पिता को प्रथम गुरू कहा गया है। धर्म को सुख का मार्ग बताते हुए राष्ट्र संत ने कहा कि भौतिक चीजों में सुख नहीं है। आत्मशुद्धि में परम सुख है। इसलिए हमें अपने अंदर सुख की खोज करनी है। मुनिश्री ने कहा कि हमें हमेशा यह नहीं देखना चाहिए कि हमने क्या पाया है, बल्कि यह देखना चाहिए कि हमने अर्पण क्या किया है। हमें रिश्तों व आस-पड़ोस को सहेज कर रखना होगा।