सुलतानपुर : बीडीओ के खिलाफ प्रधानों ने खोला मोर्चा कमीशन खोरी का आरोप
सुलतानपुर, 30 दिसम्बर । खंड विकास अधिकारी के खिलाफ प्रधान संगठन प्रदर्शन पर उतर आये और बीडीओ को हटाने की मांग पर अड़े हैं। 24 घंटे बीत गये लेकिन प्रधान दरी बिछाकर डटे हुये हैं। प्रधानों का कहना है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में बीडीओ कमीशन मांग रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी दुबेपुर संदीप सिंह का प्रधानों से लम्बे समय से विवाद चला आ रहा है। बुधवार देर शाम रामनगर बनकट के प्रधान संजीव शर्मा और कटावा गांव के प्रधान रिंकू सिंह के प्रतिनिधि/पति रिंकू सिंह और अलहदादपुर ग्राम प्रधान आदर्श पांडे के खिलाफ कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसमें वादी खंड विकास अधिकारी के अकाउंटेंट ओम शंकर पांडे को बनाया गया है। मुकदमे में दर्शाया गया है कि प्रधानों ने अभद्रता करते हुए कार्यालय का कम्प्यूटर गिरा दिया और सरकारी कार्य बाधित कर दिया।
तीन प्रधानों पर दर्ज है मुकदमा
तीनों प्रधानों पर गाली-गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। प्रधानों पर धारा 427 के तहत यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने अराजकता की स्थिति खंड विकास कार्यालय में उत्पन्न कर दी। लंबे समय से कमीशन खोरी के मुद्दे के चलते प्रधान और खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह आमने-सामने भी चल रहे थे। प्रदर्शन के दौरान विकास अधिकारियों में हलचल भी देखी गई है और पूरे मामले को रफा दफा करने के लिए वार्ता का दौर भी भीतर से ही शुरू किया गया। बहरहाल दुबेपुर ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही जिले भर के प्रधान इस मुद्दे को लेकर लामबंद होने लगे हैं।
बीडीओ नहीं करते प्रधानों से वार्ता
प्रधान संघ का अध्यक्ष नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नये खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह किसी की नहीं सुन रहे हैं। प्रधानों के साथ वार्ता नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कमीशन खोरी के चलते हम लोग बेमियादी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। लंबे समय से सात से 8% कमीशन मांगा जा रहा था। ऐसा नहीं किए जाने पर कम्प्यूटर तोड़कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है। खंड विकास अधिकारी की मनमानी के खिलाफ हम लोग आंदोलित हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
हस्तक्षेप कर विवाद का कराया जायेगा समाधान
मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने कहा कि पूरे मामले में जांच पड़ताल की जा रही है। जो दोषी होगा उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित भी की जायेगी। प्रधानों पर यदि गलत मुकदमा दर्ज हुआ है तो इस मामले में जांच कर हस्तक्षेप कर विवाद का समाधान कराया जायेगा।