आईएनएस तरकश ने जिबूती का दौरा करके सूडान नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया
– लंबी दूरी की विदेशी तैनाती पर पांच महीने के लिए भेजा गया है नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट
– इस दौरान यूरोप, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के ग्यारह देशों में 14 पोर्ट कॉल करेगा
नई दिल्ली, 08 जुलाई । पांच महीने की मिशन विदेशी तैनाती पर भारतीय नौसेना के स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश ने जिबूती का दौरा करके सूडान नौसेना के समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। यह जहाज 27 जून से पांच महीने के लिए मिशन पर तैनात किया गया है। इस अवधि के दौरान युद्धपोत यूरोप, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के ग्यारह देशों में 14 पोर्ट कॉल करेगा।
आईएनएस तरकश 15 अगस्त को रियो डि जेनेरियो में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव तैनाती की एक प्रमुख विशेषता के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण समारोह के लिए उपस्थित रहेगा।ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में तैनात आईएनएस तरकश के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन अब्राहम सैमुअल ने जिबूती में भारत के राजदूत रामचंद्रन चंद्रमौली से मुलाकात की। भारतीय नौसेना अपने मिशन-आधारित परिनियोजन दर्शन के हिस्से के रूप में अदन की खाड़ी में निरंतर उपस्थिति बनाए रखती है।
आईएनएस तरकश ने 07 जुलाई को सूडान नौसेना बेस के पास लाल सागर में सूडान नौसेना के जहाजों अल्माज़ (पीसी 411) और निमेर (पीसी 413) के साथ एक समुद्री साझेदारी अभ्यास भी किया। अभ्यास में युद्धाभ्यास, ऊर्ध्वाधर पुनःपूर्ति के लिए उड़ान संचालन, यात्रा और बोर्ड संचालन और संचार प्रक्रियाएं शामिल थीं। इस दौरान पेशेवर अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ और दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने का अवसर मिला।आईएनएस तरकश एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है और इसमें एक हथियार-सेंसर फिट है जो उसके खतरों को सभी आयामों में सक्षम बनाता है।
यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के संचालन में कार्य करता है। आईएनएस तरकश (एफ 50) भारतीय नौसेना के लिए निर्मित दूसरा तलवार श्रेणी का युद्धपोत है। इसे 09 नवंबर, 2012 को कैलिनिनग्राद में नौसेना सेवा में शामिल किया गया था और 27 दिसंबर, 2012 को पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल हुआ था।