वरिष्ठ नागरिकों का परित्याग करना है गैरकानूनी रमेश चन्द्र
-वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अगवानपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन
मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव रमेश चन्द्र संबोधित करते हुए।
गन्नौर। वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण(डीएलएसए) द्वारा गुरूवार को गांव अगवानपुर में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव रमेश चन्द्र द्वारा किया गया। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रमेश चन्द्र ने कहा कि बुजुर्गों का परित्याग करना गैर कानूनी है। जिसमें दोषी को सजा का प्रावधान है। वरिष्ठ नागरिक किसी भी राष्ट्र की संपत्ति होते हैं। डीएलएसए सचिव ने कहा कि प्रतिदिन वरिष्ठ नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों की रोकथाम के लिए वरिष्ठ नागरिक एवं माता पिता भरण पोषण अधिनियम 2007 के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के लिए सभी स्तर पर कानूनी सहायता और प्रतिनिधित्व को मजबूत करना है। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने बताया कि जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के द्वारा सभी वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। इस दौरान मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने अगवानपुर गांव की 104 वर्ष की सबसे वयोवृद्ध महिला हरदेई देवी पत्नी दुलीचन्द व वयोवृद्ध पुरूष दिलभरत सिंह व गावं की प्रथम महिला अधिवक्ता प्रियंका को सम्मानित किया। इस मौके पर अधिवक्ता विवेक गौड़, कानूनी सेवक दीपक कुमार, गांव के वरिष्ठ नागरिक एवं पूर्व सरपंच रामचंद्र भारद्वाज, समाज सेवी मंजीत भारद्वाज, रामचन्द्र भारद्वाज तथा सुरेन्द्र प्रधान सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।