राष्ट्रीय

एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के लिए चीन बना रहा नए बंकर, पीओके में बनाया ऑफिस

-नीलम घाटी से सटे केल सेक्टर में बंकरों के नवीनीकरण और निर्माण का काम सौंपा गया

-मुजफ्फराबाद और अथमुकम से सटे क्षेत्रों में विकास कार्यों को नियंत्रित कर रहा है चीन

नई दिल्ली, 24 जुलाई। चीनी कंपनी एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। इस कंपनी को नीलम घाटी में पाकिस्तानी सेना के 32 इन्फैंट्री डिवीजन के लिए नए बंकरों के नवीनीकरण और निर्माण का काम सौंपा गया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सरकार को दी एक रिपोर्ट में बताया है कि चीनी कंपनी नीलम घाटी से सटे केल सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तानी सेना के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को बताया है कि एक चीनी निर्माण कंपनी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अपना कार्यालय स्थापित किया है। यह कंपनी मुजफ्फराबाद और अथमुकम से सटे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों को नियंत्रित कर रही है। एजेंसियों ने कहा कि यह कंपनी मई से बंकरों का नवीनीकरण और नए बंकरों का निर्माण कर रही है। चीनी कंपनियों ने पहले भी पीओके में निर्माण किया है, लेकिन यह पहली बार है जब एलओसी पर इस तरह की परियोजना शुरू की गई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह क्षेत्र पीओके की नीलम घाटी से सटे केल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना 32 डिवीजन के अंतर्गत आता है। चीनी कंपनी ने इससे पहले अपने जवानों और मशीनों को राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में भेजकर एक पाकिस्तानी फॉरवर्ड एयरबेस को अपग्रेड किया था। उस समय 350 से अधिक स्टोन बंकरों और सीमा चौकियों का नवीनीकरण किया गया था। भारत से लगी सीमा पर बढ़ती चीनी कंपनी की मौजूदगी का औचित्य चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए “खतरों” के आसपास केंद्रित है।

इससे पहले भी ख़ुफ़िया रिपोर्टों में बताया गया है कि पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के अंदर विवादित भारत-पाकिस्तान सीमा पर चीनी कंपनी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है। यह विकास कार्य इस क्षेत्र में तनाव को और अधिक जटिल बना सकता है, जिस पर भारत और पाकिस्तान ने कई युद्ध लड़े हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान के सैन्य तंत्र को मजबूत करने के इरादे से पीओके में गांवों और सैन्य चौकियों का सर्वेक्षण कर रही है। पाकिस्तानी सेना की चौकियों और आतंकवादियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले घुसपैठ मार्गों का सर्वेक्षण किया गया है।

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