राष्ट्रीय

 भाषा को नौकरियों या व्यवसायों से जोड़ने से वृद्धि और विकास का रास्ता निकलता है : डॉ जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली, 26 दिसंबर। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान साहित्य के हिंदी माध्यम या अन्य स्थानीय भाषाओं में अनुवाद के महत्व पर जोर दिया है। वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के लिए हिंदी सलाहकार समिति की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी को मातृभाषा और आधिकारिक भाषा हिंदी दोनों के लिए निरंतर काम करना चाहिए और अधिक भाषाओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस साल अक्टूबर में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम की किताबें हिंदी में लॉन्च कीं। इससे मध्य प्रदेश हिन्दी भाषा में चिकित्सा शिक्षा देने वाला पहला राज्य बन गया।

मंत्री ने कहा कि भाषा को नौकरियों या व्यवसायों से जोड़ने से वृद्धि और विकास का रास्ता निकलता है। उन्होंने कहा कि वह पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर नियुक्त किए गए हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने का मुद्दा उठाएंगे। इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में युवा पर्यटन और विमानन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और हिंदी के ज्ञान ने उन्हें रोजगार सुरक्षित करने में मदद की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश के बाद नियमित अंतराल पर बैठकें हो रही हैं, जिसके परिणाम देखे जा सकते हैं।

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