अच्छी शुरुआत करें, दुनिया की कोई ताक़त नहीं रोक सकती: योगी आदित्यनाथ
– महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में बोले मुख्यमंत्री
– कार्य शुरू कराने के पूर्व मन में आई शंका ही असफलता का मूल कारण
– आयुर्वेद में बहुत संभावनाएं हैं, लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं
गोरखपुर, 28 अगस्त। रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय की एक साल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक वर्ष की अपनी इस यात्रा के दौरान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अपने संस्थापकों की भावनाओं के अनुरूप विश्वविद्यालय के निर्माण को एक नई गति दी है। यह अत्यंत सराहनीय है।
22 अगस्त से युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन अवेद्यनाथ जी महाराज की स्मृति में चल रहे सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम जीवन में किसी लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर होते हैं, तो हमारे सामने कुछ चिंताएं होती हैं। मन कहता है कि पता नहीं क्या होगा। जीवन की कठिनाई ही यहीं से शुरू होती है। फल की चिंता कार्य की शुरुआत से पहले ही मन पर हाबी हो जाता है। यही सबसे बड़ी कठिनाई है।
योगी ने कहा कि हमें य़ह भी जनाना चाहिए कि हमारे कर्म के साथ हमारा फल भी जुड़ा रहता है। थोड़ी सी बुद्धि विवेक लगाने पर उसका परिणाम लक्षित हो जाता है। जीवन में अगर सफलता के पथ पर अग्रसर होना है तो हमें अच्छी शुरुआत करनी होगी। फिर, दुनिया की कोई ताकत सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने से नहीं रोक सकती है।
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी ईमानदारी और तन्मयता के साथ शुरू किए गए प्रयास से मार्ग में बैरियर नहीं खड़ा होता। खुद को तैयार करिए। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने एक अच्छी शुरुआत की है।
सीएम ने कहा कि आयुर्वेद में बहुत संभावनाएं हैं। चाहे तो हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर से जुड़ सकते हैं। सरकारी सेवा, मेडिसिनल प्लांट के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। रिसर्च एंड डेवलपमेंट कार्यक्रम को भी आगे बढ़ा सकते हैं। कोई भी ऐसी वनस्पति नहीं जिसमें औषधीय गुण न हो। य़ह सामर्थ्य भी केवल आयुर्वेद के बच्चों में होता है। यहां पढ़ाई करने वाले छात्र वनस्पति के अंदर औषधीय गुणों को देखकर उसको आरोग्यता के अनुकूल बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में आज आयुर्वेद की बीएएमएस की पढ़ाई प्रारंभ है। यहां पर विश्वविद्यालय ने प्रतिभाओं को सम्मानित किया है। यहां के पाठ्यक्रम पूरी चिकित्सा स्वास्थ्य के नीव है। बैकबोन है। यहां पर उपलब्ध पाठ्यक्रम बहुत ही उपयोगी है। विश्वविद्यालय ने मेहनत करके प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू किया है। विश्वविद्यालय की एक वर्ष की उपलब्धि में इसे भी जोड़ा जा सकता है।