उत्तर प्रदेश

डाला छठः गंगाघाटों की सफाई के लिए नमामि गंगे की टीम भी लगी

वाराणसी,28 अक्टूबर। लोकमानस से जुड़े आस्था के महापर्व डाला छठ की शुरूआत शुक्रवार से हो गई। सूर्य षष्ठी के पूर्व गंगाघाटों पर व्याप्त गंदगी को साफ करने के लिए नमामि गंगे के सदस्यों ने भी अभियान चलाया। सदस्यों ने गंगा महल घाट से सिंधिया घाट तक अभियान चला गंगा किनारे पड़ी पूजन सामग्रियों को बटोरा । छठ पर्व पर स्वच्छता की अपील करते हुए सदस्यों ने इधर-उधर बिखरे कूड़े -कचरे को एकत्रित कर कूड़ेदान तक पहुंचाया । पॉलिथीन में भरकर देवी -देवताओं की मूर्तियां गंगा में विसर्जित कर रहे लोगों को भी रोका गया । इस दौरान काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि अनादि काल से मनाए जाने वाले इस पर्व में धरती पर ऊर्जा का संचार करने वाले भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की जाती है। त्योहार से पहले नदी, तालाब, पोखर आदि जलाशयों की सफाई का काम शुरू हो जाता है। छठ पूजा का महत्व केवल धार्मिक अथवा लोकजीवन तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह हमारे पर्यावरण और जीवनशैली के बीच के संबंधों को भी रेखांकित करता है। शुक्ला ने कहा कि आज जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान, सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं तो लोकपर्व छठ के महत्व का जिक्र करना अधिक प्रासंगिक हो गया है। क्योंकि इस पर्व में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है और सफाई का पूरा कार्य सामूहिक जन भागीदारी से संपन्न होता है । राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली के प्रतिनिधि अथर्वराज पांडेय ने कहा कि धार्मिक महत्व के साथ ही स्वच्छता एवं पर्यावरण की दृष्टि से खास है छठ महापर्व । लोकपर्व छठ प्रकृति की आराधना का महापर्व है, जो पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का संदेश देता है।

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