पड़ोसी प्रथम की नीति की दिशा में अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह की पहली बैठक संपन्न
नई दिल्ली
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को सचिव स्तर के अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह (आईएमसीजी) की पहली बैठक की। आईएमसीजी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को दिशा देने के लिए स्थापित किया गया है।
बैठक के दौरान नेपाल को अधिक व्यापार की सुविधा देने के लिए सीमा पर संपर्क सुविधाओं के निर्माण, भूटान और मालदीव के लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई, बांग्लादेश के साथ रेल संपर्क को बढ़ाने, अफगानिस्तान और म्यांमार को मानवीय सहायता पहुंचाने और श्रीलंका के साथ मत्स्य पालन से जुड़े मुद्दों पर विचार किया गया। बैठक में गृह, वाणिज्य, वित्त, मत्स्य पालन, रक्षा, रेलवे, आर्थिक मामलों, उपभोक्ता मामलों, कृषि एवं किसान कल्याण, सूचना एवं प्रसारण और कैबिनेट सचिवालय के सचिवों और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
बताया गया कि बैठक में व्यापार की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों के साथ सीमा बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विचार किया गया। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के मामले में भूटान और मालदीव जैसे देशों की विशेष जरूरतों, बांग्लादेश के साथ रेल संपर्क खोलने और अफगानिस्तान तथा म्यांमार को मानवीय सहायता देने पर भी विचार हुआ। साथ ही मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे भारत के पड़ोसियों को उनकी अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों, कार्यक्रमों और परियोजनाओं में प्राथमिकता दें।
विदेश मंत्रालय की ओर से इस संबंध में दी गई जानकारी के अनुसार बैठक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर व्यापार और निवेश, संपर्क, सीमा अवसंरचना, आव्रजन, विकास सहयोग, सीमा सुरक्षा आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।