प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन का धड़ल्ले से गन्नौर में हो रहा है प्रयोग, अधिकारी नही दे रहे ध्यान
– अगर यही हाल रहा था तो कैसे रूक पाएगा पोलिथिन का प्रयोग
सब्जी मंडी में बड़े- बड़े पोलिथिन लेकर सब्जी डाले हुए सब्जी विक्रेता।
गन्नौर। देशव्यापी प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन के धड़ल्ले से प्रयोग पर्यावरण प्रदूषण को तेजी से फैला रहा है। इसके बावजूद क्षेत्र में सब्जी, फल, किराना सामान, मांस-मछली, कपड़ा व अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ ही खाने के तैयार भोजन व नाश्ता, पोश्चराइज्ड दूध व मिनरल वाटर तक पॉलीथिन में बेचे जा रहे हैं। पॉलीथिन के कचरे से फैल रही प्रदूषण से लोगों के साथ ही मवेशी भी बीमारी की जद में आ रहे हैं। नगरपालिका की अनदेखी के कारण व्यवसायिक प्रतिष्ठान सहित -बाजारों में खाने-पीने की वस्तु सहित सभी सामग्री पॉलीथिन में बेची जाती है। जबकि पॉलिथीन की बिक्री पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा है। अब इस बात को लेकर लोगों में चर्चा है कि आखिर क्यों प्रभावी नही हो पा रहा पर लगा प्रतिबंध। उनका कहना कि अधिकारी गंभीरता से नही ले रहे है। इस पर लगे प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। कागज, पाट व कपड़े के बने थेले का उपयोग करना चाहिए। लोग पॉलीथिन को उपयोग के बाद इधर- उधर फेक देते है। शहरवासी महाबीर का कहना कि पॉलीथिन सड़ते नहीं व उसमें रखा खाद्य पदार्थ सड़कर पर्यावरण को प्रदूषित करता है।
– पॉलिथिन जब्त करने के साथ ही जुर्माना वसूलेगी नगरपालिका
इस संबंध में सचिव प्रदीप खर्ब का कहना है कि पॉलीथिन का प्रयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। पॉलीथिन के प्रयोग को बंद किए जाने को लेकर अभियान लगातार जारी है। यदि किसी दुकानदार के पास पॉलीथिन पाई जाती है तो जब्त करते हुए जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दुकानदारों, रेहड़ी संचालकों से आह्वान किया कि वे पॉलिथिन का प्रयोग न करें।