उत्तर प्रदेश

मेरठ में 5100 पेंशनर्स की खोज में जुटा है समाज कल्याण विभाग

मेरठ, 29 सितम्बर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वर्षों से खराब पड़े सरकारी सिस्टम को दुरुस्त करने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में कई विभागों में तो सुधार करने के लिए अधिकारियों के पसीने तक छूट रहे हैं, क्योंकि इन विभागों में खमियां ही इतनी बड़ी हैं। मेरठ में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लापता 5100 लाभार्थियों को समाज कल्याण विभाग तलाश में जुटा है। समाज कल्याण विभाग शहरी क्षेत्रों में नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की गाड़ियों का सहारा लेते हुए इन लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है।

वर्ष 2017 से पहले समाज कल्याण विभाग ने लाभार्थियों को उनके वार्ड नंबर के आधार पर रजिस्टर्ड कर लिया गया था। उप्र में योगी सरकार बनने के बाद सरकार ने विभाग का डिजिटलाइजेशन करते हुए लाभार्थियों को सीधा ऑनलाइन रजिस्टर्ड करना शुरू कर दिया है। ऐसे में लाभार्थियों का मोबाइल नंबर सहित पूरा पता ऑनलाइन रजिस्टर्ड किया जाता है। अब पिछली सरकार की लापरवाहियों की परत खोलने के लिए सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन आधार प्रमाणीकरण मिशन चला दिया है, जिसके तहत तमाम पेंशनर्स को आधार से लिंक कराना अनिवार्य हो गया है। पेंशनर को अपना आधार कार्ड लेकर समाज कल्याण विभाग आना होगा अगर किसी कारणवश समाज कल्याण विभाग आने में असमर्थ हैं तो वह विभाग द्वारा जारी किए वाट्सअप नंबर 7668179991 पर संबंधित डाक्यूमेंट्स भेज कर घर बैठे ही वेरिफिकेशन करवा सकते हैं।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि मेरठ में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में टोटल 28,760 पेंशनर्स हैं। अभी तक 60 प्रतिशत लोगों का आधार प्रमाणीकरण हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में तो यह कार्य लगभग कंप्लीट हो चुका है। जबकि शहरी इलाके में 9100 लोगों में से 4000 लोगों का वेरिफिकेशन हो चुका है। जबकि 5100 लोग लापता हैं। इन्हें ढूंढ़ने का कार्य चल रहा है।

योगी सरकार की प्राथमिकता है कि सभी पेंशनर्स को उनका अधिकार दिया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग सभी पेंशनर तक पहुंचने की हर संभव कोशिश कर रहा है। समाज कल्याण विभाग ने जिला कार्यक्रम अधिकारी और नगर निगम से इन लापता पेंशनर्स को ढूंढने के लिए सहयोग लिया है। इतना ही नहीं नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन गाड़ियों में लगे लाउडस्पीकर्स के माध्यम से तो ऑडियो क्लिप तक चलाई जा रही है ताकि लोग इन पेंशनर्स को ढूंढने में सहयोग करें और उनका अधिकार इनको मिल पाए।

जिला समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि बैंक से मिली डिटेल्स के आधार पर पहुंचे एड्रेस पर जाने के बाद सामने आया कि अधिकांश लोगों ने अपना एड्रेस ही बदल दिया है क्योंकि ये योजना गरीब परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय 40,080 रुपये से 56,460 रुपये तक हो। ऐसे में इन लोगों को तलाश करने में पता लगा कि अधिकतर ऐसे लोग किराए के मकान में रह रहे थे जिनका कोई स्थाई पता नहीं था, लेकिन ऐसे लोगों को ढूंढने के लिए समाज कल्याण विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है और जल्द से जल्द इन सबको ढूंढ कर इनका वेरिफिकेशन कर सरकार की योजना का लाभ दिया जाएगा।

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