मुनूगोडू उपचुनाव से पहले तेरास की आमसभा कल, उम्मीदवार की घोषणा संभव
हैदराबाद, 4 अक्टूबर। राज्य की मुनुगोडे विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव की रणनीति बनाने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (तेरास) ने 5 अक्टूबर को पार्टी की साधारण सभा बैठक बुलाई है।
मंगलवार को तेरास कार्यालय से जारी एक बयान में मुख्यमंत्री और तेरास प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने बताया कि पार्टी की साधारण सभा की बैठक दशहरा के दिन 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे प्रदेश कार्यालय तेलंगाना भवन में होगी। केसीआर ने बताया कि मुनुगोडु विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पार्टी सदस्य इस बैठक को लेकर असमंजस में थे। पहले घोषित तिथि के अनुसार ही पार्टी की साधारण सभा तय समय पर होगी। इस बैठक के लिए साधारण सभा के सदस्यों को निर्धारित समय पर उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुनुगोडु विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए रणनीति पर मंथन हो सकता है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा भी हो सकती है।
इस उपचुनाव के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति ने पार्टी प्रमुख के आदेश पर 70 विधायकों व 20 विधान परिषद सदस्यों की टीम बनाई है, क्षेत्र में सरकार की विकास, कल्याणकारी व जनहित योजनाओं और उनके लाभों को जन-जन को गिनवाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक एक सौ मतदाताओं पर एक स्थानीय नेता को तैनात करने के आदेश दिए हैं, जो चुनाव जिताने तक सौंपे गए निर्वाचन क्षेत्र में ही रहेंगे।
तेलंगाना की मुनुगोडु विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक कॉमेडी रेड्डी राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई है। इस सीट पर उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होगा और परिणाम 6 नवंबर को आएंगे। रेड्डी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
मुनुगोडु विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूरी तैयारी और दमखम से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। भाजपा यहीं के पूर्व विधायक राजगोपाल रेड्डी को उतारने की घोषणा कर चुकी है। इस चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद गोवर्धन रिद्धि की बेटी को उतारा है। तेरास की ओर से पूर्व विधायक के प्रभाकर रेड्डी का नाम सामने आ रहा है।
उपचुनाव में तेरास, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। इस क्षेत्र वामदल सीपीआई और सीपीआईएम का भी अच्छा जनाधार है, लेकिन दोनों दल पहले ही उपचुनाव से दूर रहने का फैसला कर चुके हैं। इन दोनों पार्टियों ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति को समर्थन देने की घोषणा भी की है। इस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2.7 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 70 फीसदी पिछड़े वर्ग के संबंध रखते हैं।