प्रदेश सरकार की ई-टेंडर नीति के खिलाफ एक जुट होने लगे सरपंच, पंचायत कार्यालय में सरपंचों का रोष-प्रदर्शन
सोनीपत
जिले के सोनीपत ब्लॉक के सरपंचों ने प्रदेश सरकार की ई-टेंडर नीति के खिलाफ एक जुट होना शुरू कर दिया है। बृहस्पतिवार को सोनीपत के बीडीपीओ कार्यालय में पहुंचकर सरपंच दो लाख से अधिक के विकास कार्य के लिए बनाए गए ई-टेंडर नियम को लेकर रोष-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद सरपंचों ने शुक्रवार से सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना पंचायत अधिकारी के कार्यालय में शुरू करने का फैसला किया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने पंचायतों के कामों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ई-ट्रेडरिंग नियम लागू किया है। बृहस्पतिवार को सुमेर, चंद्रहास, राजसिंह, राजबीर, कर्मबीर, हिमाचल, सतीश, चांद, राजेश, नीरज, प्रवीण, जसबीर, बिजेन्द्र सहित बड़ी संख्या में विभिन्न गांवों के सरपंच व उनके प्रतिनिधियों ने पंचायत अधिकारी कार्यालय में पहुंचकर सरकार के खिलाफ रोष-प्रदर्शन किया। सरपंचों का कहना है कि किसी भी गांव में अगर किसी विकास कार्य की लागत दो लाख से अधिक है तो उसके लिए ई-ट्रेंडर जारी किए जाएंगे। उसी के आधार पर काम किया जाएगा। कामों की जियो टैगिंग भी होगी। लेकिन सरपंचों का दावा है कि इस के इस नियम से ग्रामीण क्षेत्रों के कामों की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। सरपंच ठीक ढंग से काम भी नही करवा पाएंगे। ऐसे में रोषित सरपंचों ने अब शुक्रवार से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस दौरान थे।
ब्लॉक की 44 पंचायतों को सौंपा जा चुका है रिकार्ड, एक का नहीं हुआ था चुनाव-
पंचायत विभाग की तरफ से जिले में नवनिर्वाचित सरपंचों को बीडीपीओ कार्यालय द्वारा चार्ज सौंपा जा चुका है। जिसके बाद सरपंच बीडीपीओ कार्यालय में विकास कार्यों के प्रस्ताव लेकर पहुंच रहे थे। लेकिन सरपंच सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू करते है, तो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे पहले चुनाव समय पर न होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित थे। मौजूदा समय में पंचायत अधिकारी के कार्यालय में ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगवाने, गलियों का निर्माण करवाने, बंदर पकड़ने जैसी प्रस्ताव सरपंच लेकर पहुंच रहे थे। जिले की ब्लाक में 45 पंचायत है। जिसमें से 44 पंचायतों में चुनाव हुए है। जुआं पंचायत नंबर-1 की पंचायत में ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने की वजह से सरपंच व पंच पद अभी खाली है।