नैक से बेहतरीन ग्रेड लेने के लिए हर क्षेत्र में गुणात्मक सुधार जरूरी: प्रो. अनुराधा जैन
200 शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने लिया हिस्सा, अन्य कालेजों के करीब 60 प्रतिनिधि हुए शामिल
राष्टï्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से मिल चुका जीवीएम को ए-ग्रेड
नैक से दोबारा ए-ग्रेड लेने के लिए तैयारियां और प्रयास शुरू: डा. रेनू भाटिया
सोनीपत
राष्टï्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए-ग्रेड हासिल कर चुके जीवीएम गल्र्ज ने प्रदर्शन को दोहराने के लिए पुन: तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं, जिसके अंतर्गत शनिवार को कालेज में राष्टï्रीय स्तर के टे्रनिंग प्रोग्राम के तहत वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में नैक की बेहतरीन ग्रेडिंग हासिल करने को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई। संस्था के प्रधान डा. ओपी परूथी व प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने सफल आयोजन पर बधाई देते हुए शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया कि फिर से नैक की ए-ग्रेड प्राप्त करने के लिए एकजुट प्रयास करें।
जीवीएम की इंटरनल क्वालिटी एसैसेमेंट सैल (आईक्यूएसी) के तत्वावधान में आयोजित नेशनल वेबीनार में करीब 200 शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें लगभग 60 प्रतिनिधि अन्य कालेजों के शामिल रहे। आईक्यूएसी की कन्वीनर सुनीता धवन व कोर्डिनेटर डा. संगीता सिंह ने बताया कि नैक की ग्रेडिंग प्रणाली को जानने-समझने के उद्देश्य से वेबीनार आयोजित किया गया।
वेबीनार मेंं प्रमुख वक्ता के रूप में विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडिज नई दिल्ली की प्राचार्या प्रो. अनुराधा जैन ने विस्तार से नैक के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नैक से बेहतरीन ग्रेड हासिल करने के लिए शिक्षण संस्थानों मेंं हर क्षेत्र में गुणात्मक सुधार जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सात क्राईटेरियाप पर बल देते हुए विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करिकूलम आस्पेक्ट्स, टीचिंग, लर्निंग एंड इवैलुवेशन, रिसर्च इनोवेशन एंड एक्सटेंशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड लर्निंग रिसोर्सिज,स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन, गर्वनेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट और इंस्टीट्यूशनल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रेक्टिसिज पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
वेबीनार मेंं दूसरी वक्ता के रूप में विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडिज नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डा. ईशा रावल ने भी विषय के तहत महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर शोध कार्य होते हैं, किंतु कालेज स्तर पर शोध कार्य बड़े स्तर पर किये जाने चाहिए।
इस मौके पर प्राचार्या डा. रेनू भाटिया ने कहा कि राष्टï्रीय स्तर का ट्रेनिंग प्रोग्राम उत्साह एवं ज्ञानवद्र्घक रहा, जिसका लाभ निश्चित रूप से शिक्षण संस्थानों को मिलेगा। उन्होंने आईक्यूएसी की पूरी टीम को बधाई भी दी। इस मौके पर आईक्यूएसी की कन्वीनर सुनीता धवन, कोर्डिनेटर डा. संगीता सिंह सहित सदस्य प्राध्यापिकाएं कमलेश चोपड़ा, रोजी चोपड़ा, डा. रश्मि जावा, रोहिनी मदान, पुनीता बतरा, डा. अनीता सैनी, अनीता गाबा, राकेश जुनेजा, रूचिका विरमानी, मीनू गोसाईं तथा प्रीति चुघ सहित वेबीनार के सपोर्टिंग स्टाफ के रूप में भावना, कपिल पाठक, अनिल रहेजा, ममता, अरविंद व भैरवदत्त उपस्थित रहे।
-डा. रेनू भाटिया
प्राचार्या
जीवीएम गल्र्ज कालेज