नारियल की खेती को बढ़ावा देने में सहयोग कर रही है केन्द्र : तोमर
कोयम्बटूर (तमिलनाडु)/नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि केंद्र सरकार, देश में नारियल की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में अनुसंधान-विकास के क्षेत्र में जो प्रयास किए गए हैं, उनके फलस्वरूप खेती व प्रसंस्करण क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियां विकसित हुई हैं। देश में नारियल आधारित उद्योगों की संख्या में वृद्धि के साथ ही बाजार में नए उत्पाद व रोजगार के कई अवसर भी बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने शुक्रवार को कोयम्बटूर में नारियल समुदाय के किसानों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में नारियल की खेती का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। इसकी की खेती में भारत अग्रणी है व दुनिया के तीसरे बड़े उत्पादकों में से एक हैं। देश में नारियल के अधीन क्षेत्र का 21 प्रतिशत, उत्पादन का 26 प्रतिशत तमिलनाडु का योगदान है। नारियल प्रसंस्करण गतिविधियों में तमिलनाडु पहले नंबर पर है व नारियल खेतीगत क्षेत्र की दृष्टि से कोयम्बटूर प्रथम है, जहां 88,467 हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल की खेती हो रही है।
तोमर ने कहा कि यहां के लोग नारियल क्षेत्र के विकास व कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। नारियल विकास बोर्ड छोटे-सीमांत किसान एकीकृत कर त्रिस्तरीय किसान समूह बना रहा है। राज्य में वर्तमान में 697 नारियल उत्पादक समितियां, 73 नारियल उत्पादक फेडरेशन एवं 19 नारियल उत्पादक कंपनियां हैं। भारत में प्रति वर्ष 3,638 मिलियन नारियल की प्रसंस्करण क्षमता के साथ 537 नई प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए समर्थन दिया गया है। यह सफलता बोर्ड द्वारा देश में कार्यान्वित मिशन कार्यक्रम के जरिए हासिल हुई है। इनमें से 136 इकाइयां तमिलनाडु की हैं, जो रोजगार के अवसर सृजित कर रही हैं तथा किसानों की माली हालत सुधारने में भी मदद कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पनीर सेल्वम, नारियल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष के.आर. नारायण, सीईओ व केंद्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. विजय लक्ष्मी, केंद्रीय उद्यानिकी आयुक्त प्रभात कुमार, कुलपति गीता लक्ष्मी, गन्ना प्रजनन संस्थान के निदेशक व स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं केंद्र-राज्य सरकार के अधिकारी व किसान भाई-बहन मौजूद थे।