राष्ट्रीय

संसद भवन में ”विशेष मिलेट्स लंच” का हुआ आयोजन

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को संसद परिसर में सांसदों के लिए ”विशेष मिलेट्स लंच” आयोजित किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित सांसदों ने मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुफ्त उठाया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष मनाने की तैयारी की दृष्टि से, आयोजन में उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के सभापति हरिवंश, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीरंजन चौधरी, राज्यसभा में सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य मंत्रियों व राज्यसभा व लोकसभा के सदस्यों ने शामिल होकर ज्वार, बाजरा, रागी जैसे पोषक-अनाज से तैयार व्यंजनों का स्वाद लिया और दिल खोलकर इनकी व समग्र आयोजन की तारीफ की व मिलेट्स ईयर का स्वागत किया।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे ने इस अवसर पर सभी का आत्मीय स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी की पहल तथा भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है, जिसे देशभर के साथ ही वैश्विक स्तर पर उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोरों पर चल रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, मिलेट्स की मांग और स्वीकार्यता बढ़ाने के उद्देश्य से, इसके विषय में जागरूकता के प्रसार के लिए सभी के साथ मिलकर अनेक कदम उठा रहा है।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि हमारे प्राचीन पोषक-अनाज को भोजन की थाली में पुनः सम्मानजनक स्थान मिले। साथ ही, यह पहल दीर्घकाल में मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों को लाभकारी प्रतिफल सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने कहा किसंयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा हाल ही में रोम (इटली) में अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ था।

तोमर ने कहा कि मिलेट्स प्राचीन व शुष्क भूमि की महत्वपूर्ण फसलें हैं। छोटे दाने वाली इन अत्यधिक पौष्टिक अनाज-खाद्य फसलों को कम वर्षा में सीमांत मिट्टी/कम उपजाऊ मिट्टी व उर्वरक तथा कीटनाशक जैसे इनपुट की कम मात्रा में उगाया जाता है। मिलेट्स का मूल भारत है, जिनकी पोषक-अनाज के रूप लोकप्रियता रही है, क्योंकि सामान्य कामकाज के लिए यह आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। मिलेट्स एशिया एवं अफ्रीका में कृषि के रूप में अपनाई जाने वाली पहली फसल थी, जो बाद में विश्वभर में विकसित सभ्यता के लिए महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत के रूप में फैल गई।

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