कैथल: युवक को भेजा नेपाल, गन पॉइंट पर फोन करवा घरवालों से वसूले 45 लाख
गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत करने के बाद हुआ मामला दर्ज
कैथल, 21अगस्त। विदेश भेजने वाली एक फर्म ने गांव काकौत के युवक को अमेरिका भेजने की बजाय नेपाल भेज दिया। वहां से उसकी कनपटी पर पिस्तौल रखकर घर वालों के पास फोन करवा कर उनसे बकाया राशि पूंडरी में बैठे एजेंटों ने वसूल कर ली। किसी तरह युवक बचकर घर लौटा और पूरे मामले का खुलासा किया। पंचायत में एजेंटों ने रुपए लौटाने के नाम पर 45 लाख का चेक भी दिया जो बाउंस हो गया। पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत गृह मंत्री अनिल विज को की। इसके बाद शनिवार देर रात पूंडरी पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने पर मामला दर्ज कर लिया है।
गांव काकौत निवासी मोनू कुमार पुत्र कश्मीर सिंह ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह बेरोजगार था और किसी काम की तलाश में था। इसी दौरान दिसंबर 2021 में उसका साढू अनिल कुमार अपने दोस्त सुरेंद्र, पिंकी के साथ उसके गांव आए। अनिल ने उसके भाई सोनू के साथ विदेश जाने की बात की। अनिल ने कहा कि उसका साथी यशवंत लोगों को अमेरिका भेजने का काम करता है। वह उनकी अमेरिका में पक्की नौकरी लगवा देगा। इनके बहकावे में आकर मोनू ने वीजा लगाने के लिए अपना पासपोर्ट उन्हें दे दिया और कहा कि अमेरिका पहुंचने के बाद वह उन्हें 45 लाख रुपए दे देंगे। इसी साल 22 फरवरी को पिंकी व सुरेंद्र उसके गांव को बताएं और उसके भाई सोनू को कहा कि उसके भाई मोनू का वीजा लग चुका है और 24 फरवरी की फ्लाइट है। इसलिए आपको जल्दी रूपयों का इंतजाम करना होगा। उनकी बातों में आकर सोनू ने अपनी जमीन 16 कनाल को बेचने का इकरारनामा बलबीर पुत्र परशुराम के साथ 37 लाख 75 हजार रुपए में कर लिया। उसने बाकी पैसे अपने आढ़ती व सोने को बेच कर इकट्ठे किए।
नेपाल ले जाकर बनाया बंधक, गन पॉइंट पर वसूले रुपए
24 फरवरी 2022 को मोनू और सोनू रात 8 बजे दिल्ली पहुंचे। जहां उन्हें पहले से ही गुडविल होटल में अनिल व उसके साथी मिले। सोनू अपने भाई मोनू को वहीं छोड़कर वापस अपने गांव लौट आया। अनिल व उसके साथी मोनू के साथ उसी रात दिल्ली से गोरखपुर की फ्लाइट में बैठ गए। 27 फरवरी को सुरेंद्र अनिल वे यशवंत ने मोनू का मोबाइल फोन पासपोर्ट व दो लाख रुपयों के डॉलर छीन लिए। उसके भाई ने पूंडरी में ईगल किंग कंपनी में पहुंचकर 14 लाख और बाद में 31 लाख रुपए अदा कर दिए।
मोनू नेपाल के जंगलों में उनके चंगुल में 21 मार्च 2022 तक रहा। इसके बाद वह किसी तरह उनके चंगुल से बचकर नेपाल बॉर्डर पर पहुंचा और एक फौजी को सारी घटना बताई। इंडियन आर्मी ने मोनू को कुछ पैसे देकर दिल्ली की रेल में बिठा दिया। दिल्ली पहुंचने पर उसने अपने भाई को पूरी घटना की जानकारी दी।