मोदी सरकार ने जेपी के सर्वोदय से अंत्योदय को जोड़कर देश का किया विकास : अमित शाह
बलिया, 11 अक्टूबर। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर बिहार के हिस्से वाले उनके पैतृक गांव सिताबदियारा में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम को अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। वह आठ साल से जेपी के सर्वोदय के नारे को अंत्योदय के साथ जोड़कर देश का विकास कर रहे हैं । गरीब कल्याण की नई परम्परा जोड़ी है। ढाई साल तक हर गरीब को फ्री राशन देना हो या बिजली देना हो, भाजपा सरकार ने दिया। हर गांव सड़क से जुड़ा। मैंने एक नारा सुना था।
गृहमंत्री अमित शाह ने जेपी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट परिसर में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया। इसके बाद जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी और बिहार के मिलन स्थान पर जेपी का जन्म हुआ था। जयप्रकाश नारायण का जीवन विशिष्ट रहा है। आजादी के लिए क्रांति के रास्ते लड़े। वे गांधी जी के बताए रास्ते पर भी चले। पूरा जीवन भूमिहीनों और दलितों-पिछड़ों के लिए गुजारा। जेपी का सबसे बड़ा योगदान यह था कि सत्तर के दशक में देश में आपातकाल लगाया गया तो उन्होंने आंदोलन किया। तब वे जेल भी गए।
श्री शाह ने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं। जहां से इंदिरा गांधी के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया। आपातकाल हटा तो विपक्ष को जेपी ने संगठित किया और पहली बार गौर कांग्रेसी सरकार बनी। जेपी ने यह दिखाया कि परिवर्तन कैसे किया जाता है। आज जेपी के सम्पूर्ण क्रांति के नारे को मोदी जी ने सफल किया है। 1974 में जब जेपी ने बिहार में आंदोलन किया, तब सारी विचार धाराओं के छात्र एकत्रित हुए थे। जो जेपी का नाम लेकर जेपी आंदोलन से उपजे नेता आज सत्ता से चिपके हुए हैं। अब बिहार के लोगों को तय करना होगा कि जेपी के रास्ते पर चलने वाली मोदी सरकार चाहिए कि सत्ता के लिए गठजोड़ कर सत्ता हथियाने वाले लोग चाहिए।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे साथ इतना जोर से नारा लगाइए कि जेपी के सिद्धान्तों को छोड़कर जो कांग्रेस की गोद में बैठे हैं, उनके अंदर कंप कंपी आ जाए। इस अवसर पर जयप्रकाश नारायण स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त, संजय जायसवाल, नित्यानन्द राय, अश्विनी चौबे, राधामोहन सिंह, राजीव प्रताप रूड़ी, सुशील मोदी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, नीरज शेखर आदि, दयाशंकर सिंह, विनय कुमार व हरीश द्विवेदी आदि थे।
जेपी के नाम पर राजनीति करने वालों ने राजनीति का अपराधीकरण किया : योगी आदित्यनाथ
जेपी जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों को खूब धोया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग जेपी और लोहिया के नाम पर राजनीति करने वालों द्वारा अपराधीकरण ही किया गया। जिसका परिणाम बिहार जैसा अच्छी बौद्धिक संपदा वाला राज्य आज भी भुगत रहा है। जबकि बिहार के नौजवान को जब भी मौका मिला, उसने अपना लोहा मनवाया है।
कहा कि मां गंगा और मां सरयू का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है। यहां प्रतिवर्ष बाढ़ के बावजूद इस भूमि में पैदा हुए लोगों में जो जुझारूपन दिखता है। वह अलग ही दिखता है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में चले आंदोलन में देश के साथ पूरे बिहार ने हिस्सा लिया। लेकिन सरकार से बाहर रह कर के जिन महापुरुषों ने स्वतन्त्र भारत में अपने चिंतन से आगे बढ़ाया, उनमें जेपी अग्रणी थे। लोकतंत्र को कुचलने का जब कार्य हुआ तो बिहार कैसे शांत रह सकता था। सबसे पहले बलिया की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र के प्रति जितना सजग बिहार है, वह अभूतपूर्व है। देश की आजादी के बाद सबसे बड़ा आंदोलन जेपी ने किया। मोदी सरकार जेपी के सपने को साकार कर रही है। उज्ज्वला योजना का हवाला देते हुए कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में समाज के हर तबके के हितों के लिए बिना भेदभाव के कार्य हो रहा है। 135 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य जेपी, पं दीनदयाल और लोहिया के आदर्शों पर चल कर किया जा रहा है। घोषणा किया कि जेपी की जन्मस्थली के बाद यूपी के बलिया के हिस्से में बाढ़ से सदैव के लिए मुक्त किया जाएगा। नदियों को चैनलाइज कर जल यातायात को आगे बढ़ाया जा रहा है। शीघ्र ही यहां गंगा और सरयू के संगम स्थल पर उत्तर प्रदेश सरकार समग्र विकास करेगी।