उत्तर प्रदेश

खुले नाले में गिर कर बाइक सवार की मौत मामले में सफाईकर्मी की बर्खास्तगी पर रोक

प्रयागराज, 03 सितम्बर। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संविदा सफाई कर्मी की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार एवं नगर निगम मुरादाबाद से जवाब मांगा है। कोर्ट ने याची को काम करने देने एवं वेतन भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने सफाई कर्मी अशोक की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि नगर निगम मुरादाबाद में वह संविदा पर सफाई कर्मचारी नियुक्त किया गया था। 23 फरवरी 2021 से 25 फरवरी 2021 तक नाले की सफाई की। नाला पत्थर की पाटन से ढका हुआ था जिसे सफाई से पहले जेसीबी मशीन से लोक निर्माण विभाग द्वारा हटाया गया। जेसीबी से ही उसे ढका जाना था, लेकिन सफाई पूरी होने के बाद नाला नहीं ढका गया और 25-26 फरवरी 2021 की रात को शराब के नशे में एक बाइक सवार तेज गति से पत्थर से टकरा कर नाले में गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि उसके घरवालों ने न कहीं कोई शिकायत की और न पोस्टमॉर्टम कराया।

अखबार में छपी खबर के आधार पर सफाई कर्मचारी को बलि का बकरा बनाया गया। उसकी सेवाएं 27 फरवरी 2021 को समाप्त कर दी गईं। बाक़ी सफाई नायक, सेनेटरी इंस्पेक्टर आदि को क्लीन चिट दे दी गई। बाद में हुई जांच रिपोर्ट में याची की कोई गलती नहीं पाई गई, फिर भी याची को सेवा में वापस नहीं लिया गया। हाई कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा क्या हटाने से पहले कारण बताओ नोटिस दी गई थी या नहीं। अधिवक्ता ने नगर निगम से स्पष्ट जानकारी न मिल पाने के कारण समय मांगा तो याची अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने अंतरिम अर्जी पर बल दिया। जिस पर कोर्ट ने जांच रिपोर्ट और बर्खास्तगी आदेश का परिशीलन करते हुए सेवा से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है।

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