राष्ट्रीय

रांची में नमाज के बाद आगजनी-पथराव, पुलिस ने की हवाई फायरिंग

-नुपुर शर्मा के बयान के विरोध में मेन रोड पर जुटे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

-प्रदर्शनकारियों ने डेली मार्केट पार्किंग स्थल में खड़ी एक दर्जन से अधिक गाड़ियों को किया क्षतिग्रस्त

-पत्थरबाजी में पुलिस के कई जवान चोटिल

-डेली मार्केट थाना क्षेत्र में लगा कर्फ्यू

रांची, 10 जून । पैगंबर पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को रांची में नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन हुआ। आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने राजधानी रांची के मेन रोड पर उग्र प्रदर्शन किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। भीड़ की ओर से पत्थर चलाये गये। पत्थरबाजी में पुलिस के कई जवानों को चोट लगी। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की। घटना के बाद डेली मार्केट थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही कई अन्य क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी गयी है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुक्रवार को मेन रोड में कुछ प्रदर्शनकारी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इसके बाद वे हाथ में काला और धार्मिक झंडा लेकर डेली मार्केट के सामने अल्बर्ट एक्का चौक की तरफ दौड़ने लगे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस भी दौड़ी। इसी दौरान डेली मार्केट के पास पुलिस के साथ धक्का-मुक्की होने लगी। देखते-देखते भीड़ आक्रोशित हो गई और जमकर पत्थरबाजी हुई।

मेन रोड पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद डेली मार्केट के पार्किंग एरिया में दो दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गयी। उनके शीशे तोड़ दिये गये। इसके अलावा कई मोटरसाइकिलें भी तोड़ी गयीं। आगजनी भी की गई। हंगामे के बाद से मेन रोड की तकरीबन सभी दुकानें बंद हो गईं।

आईजी अखिलेश झा और रांची रेंज के डीआईजी और एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जानकारी ली। स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी है। घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय से भी कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।

सिटी एसपी समेत कई पुलिसकर्मियों को लगी चोट

उपद्रवियों की पत्थरबाजी में रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा भी घायल हुए हैं। सेंटेविटा अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। सिटी एसपी अंशुमन कुमार और डेली मार्केट के थानेदार अवधेश ठाकुर भी चोटिल हुए है। पत्थरबाजी में 12 से अधिक पुलिसकर्मी और जवानों को चोट लगी हैं।

प्रशासन ने किया ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल

उपद्रवियों की पहचान के लिए प्रशासन ने ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया। पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग की गयी, ताकि उपद्रवी तत्वों की पहचान की जा सके और उन पर कार्रवाई हो सके।

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