भैयादूज पर्व पर ट्रेनों व बसो में रही भारी भीड़, बसों में खड़े होकर यात्रियों को करना पड़ा सफर
सोनीपत
भैया दूज पर्व को लेकर बहन-भाइयों में उत्साह बना रहा। ट्रेनों व बसों में भारी भीड़ रही। ट्रेनों में जहां यात्रियों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही थी, वहीं बस अड्डे पर भी बस में चढ़ने के लिए यात्री धक्का-मुक्की करते नजर आए। सबसे अधिक भीड़ पानीपत, दिल्ली व बड़ौत रूट पर रही। रोडवेज अधिकारियों ने भैया दूज पर्व पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की व्यापक तैयारियां की थी, लेकिन बसों की कमी के चलते यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
सोनीपत बस अड्डे पर 197 बसें स्वीकृत है। लंबे समय से नई बसें न मिलने के कारण बसों की संख्या साल दर साल कम होती चली गई। डिपो के लिए एक साल पहले 25 नई बसें स्वीकृत हुई थी, लेकिन उनमें से भी महज 7 बसें ही पहुंची है। इनमें से भी एक बस को गोहाना सब डिपो में भेज दिया गया है। वर्तमान समय में रोडवेज में को महज 105 बसों के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। इनमें से भी कुछ बसें प्राय खराब रहती है। ऐसी स्थिति में भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देन पाना अधिकारियों के लिए चुनौती बन जाता है। वीरवार को भैया दूज पर बस अड्डे पर बढ़ी भीड़ को देखते हुए बसों के फेरे बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे, उसके बावजूद भी यात्रियों को बस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी दिल्ली, पानीपत व बड़ौत रूट पर रही। देर शाम तक बस अड्डे पर लोगों का आना-जाना लगा रहा।
बसों में खड़े होकर सफर करने को मजबूर हुए यात्री
बस अड्डे से निकलने वाली सभी बसों में यात्रियों की भीड़ रही। ऐसे में बस अड्डे के बाहर से चढ़ने व बीस रास्ते से बैठने वाली सवारियों को भीड़ के बीच खड़े होकर सफर करने को मजबूर होना पड़ा। यही स्थित मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में भी रही।
कर्मचारियों का चार घंटे बढ़ाया ड्यूटी का समय
भैया दूज पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से रोडवेज अधिकारियों ने चालक-परिचालकों की ड्यूटी का समय चार घंटे तक बढ़ा दिया था। सभी चालक-परिचालकों की छुट्टियां पहली ही रद्द कर दी थी और उन्हें 8 के बजाय 12 घंटे ड्यूटी देने के निर्देश दिए गए थे। ताकि भीड़ बढ़ने की स्थिति में विभिन्न रूटों पर बसों के फेरे बढ़ाए जा सकें। इसके बावजूद भी बसों की कमी बेहतर सुविधाएं देने में रोड़ा बनी रही।
वर्जन
भैया दूज पर्व पर बस अड्डे पर सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ रही। सबसे अधिक भीड़ दिल्ली, पानीपत व बड़ौत रूट पर रही। यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए चालक-परिचालकों की छुट्टियां रद्द कर ड्यूटी समय भी 8 से 12 घंटे कर दिया था। जिस भी रूट पर यात्रियों की संख्या बढ़ी, उसी रूट पर बसों को रवाना कर दिया गया। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने का हर संभव प्रयास किया गया है।