हिन्दुस्थान समाचार-आईजीएनसीए के बाद अकादमिक जगत में जगी ‘पंच प्रण’ के प्रति रूचि
नई दिल्ली, 03 नवंबर । हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के तत्वावधान में प्रारंभ किया गया ‘पंच प्रण’ कार्यक्रम अकादमिक जगत के मन मस्तिष्क में जगह बनाने लगा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) से प्रधानमंत्री द्वारा निर्देशित ‘पंच प्रण’ का पालन करने और शिक्षा प्रणाली में उसी भावना को आत्मसात करने का आग्रह किया है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे एक पत्र में कहा है, “उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) से अनुरोध है कि वे उच्च शिक्षा प्रणाली में ‘पंच प्रण’ और पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) मिशन की भावना को आत्मसात करने के तौर-तरीकों पर काम करें। इस संबंध में की गई गतिविधियों को यूजीसी के विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल (यूएएमपी) पर साझा किया जा सकता है।”
इस साल 15 अगस्त को 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अन्य बातों के साथ-साथ पांच संकल्पों (पंच प्राण) के माध्यम से आगामी 25 वर्षों में अपने 100वां स्वतंत्रता दिवस तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया था। ‘पंच प्रण’ में देश को विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ाने, गुलामी के सभी निशान मिटाने, भारत की विरासत पर गर्व करने, देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना और देश के प्रति नागरिकों के कर्तव्यों का संकल्प शामिल है।
अमृत काल के लिए प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने और जागरुकता लाने के लिए पिछले दिनों हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने संयुक्त रूप से ‘दीपोत्सव: पंच प्रण’ कार्यक्रम की श्रृंखला प्रारंभ की। पहला कार्यक्रम 20 से 22 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी स्थित आईजीएनसीए परिसर में किया गया। इसमें ‘पंच प्रण’ लेते हुए प्रत्येक दिन 7,500 दीप जलाए गए। कार्यक्रम का आदर्श वाक्य ‘एक दीप राष्ट्र के नाम’ था। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में पांच सत्रों में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ‘पंच प्रण’ को केंद्र में रखकर व्याख्यान के पांच विषय और सत्र आयोजित किए गए। इन विषयों पर अलग-अलग सत्र में वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए। इसके अलावा सांस्कृति कार्यक्रम आयोजित किये गए।
‘पंच प्रण’ कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान,चिंतक, विचारक एस. गुरुमूर्ति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, सहित कई साहित्य, संगीत और कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।