अटलजी प्रखर वक्ता के साथ कुशल राजनेताः सत्यदेव पचौरी
कानपुर, 16 अगस्त। पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के साथ अपने संस्मरणों को याद करते हुए हम सबको अटलजी के जीवन से प्रेरणा जरुर लेनी चाहिए। अटलजी प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ एक कुशल राजनेता भी थे। उक्त बातें मंगलवार को सीएसजेएमयू में अटल बिहारी बाजपेई की पुण्यतिथि पर एक दिवसीय संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने कही।
उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक गुणों को सीखने के लिए हमें उनके राजनीतिक जीवन को समझना होगा। विशिष्ट अतिथि और विधान परिषद सदस्य डॉ अरुण पाठक ने अटलजी के भारतीय लोकतंत्र के प्रति योगदान पर बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र सीखना हो तो कोई अटलजी से सीखे क्योंकि लोकतंत्र सिर्फ बोलने का काम नहीं हैं चुप रहने का भी काम है।
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति सुधीर कुमार अवस्थी ने कहा कि मतभेदता के बावजूद मन भेदता नहीं होनी चाहिए। अटल बिहारी विरोधियों को भी अपने दिल में जगह देते थे। भारतीय लोकतंत्र में अटलजी के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अटलजी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ साथ एक महान कवि और वक्ता भी थे।
भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की पुण्यतिथि पर छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में अटलजी का भारतीय लोकतंत्र के प्रति योगदान विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को दीनदयाल सभागार में किया गया। विख्यात पत्रकार एवं कवि सुरेश अवस्थी ने अटलजी के हिंदी संवर्धन में योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुमन शुक्ला ने एवं मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर शोध सहायक डॉ. मनीष दिवेदी, डॉ पीएन त्रिवेदी, प्रो. रोली शर्मा, प्रो संजय स्वर्णकार, डॉ शशिकांत त्रिपाठी, डॉ ओम शंकर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।