हरियाणा

बीमा कंपनी में जिले के 1946 अन्नदाताओं की फसल बीमा पॉलिसी नहीं की मंजूर, अधर में लटकी मुआवजा राशि

सोनीपत
देश के मुखिया द्वारा शुरू की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फलीता जिले में बीमा कंपनी के अधिकारी निकाल रहे है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की महत्वकांशी योजना का लाभ समय पर धरती-पुत्रों को नहीं मिल पा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1946 अन्नदाताओं की फसल बीमा पॉलिसी को बीमा कंपनी मंजूरी नहीं दे रही है। बरसात के बाद फसलों में हुए मुआवजे का इंतजार करने वाले किसानों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि कृषि विभाग समस्या के जल्द समाधान की कवायद में जुटा हुआ है।
बता दें कि किसानों को मौसम की मार की वजह से फसलों में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। योजना के तहत खरीफ सीजन में धान, कपास, मक्का और बाजरे जैसी फसलों का बीमा किया जाता है। नुकसान होने पर बीमा कम्पनी किसानों को मुआवजा जारी करती है। खरीफ सीजन में इस बार 31 अगस्त तक किसानों का बीमा किया गया था। लेकिन इस बार बड़ी संख्या में किसानों की बीमा पॉलिसी को अब तक बीमा कम्पनी ने अप्रूव नहीं किया है। जिसके कारण किसानों की टेंशन बढ़ गई है। देश के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की योजना का बीमा कंपनी के अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है। जिसके चलते किसानों में सरकार की छवि खराब होती जा रही है।
रबी सीजन 2021-22 के 731 मामले अधर में लटकाए, नोन लॉनी किसानों की पालिसी नहीं कर रहे मंजूर-
मिली जानकारी के अनुसार खरीफ सीजन के तहत सोनीपत जिले में करीब 23 हजार 700 किसानों ने अपनी विभिन्न फसलों का बीमा करवाया है। बीमा योजना के तहत लोनी किसानों का बीमा सीधे बैंक के माध्यम से होता है, जबकि बिना लोन वाले किसानों को अपनी इच्छानुसार सी.एच.सी. के माध्यम से अपनी फसल बीमा पॉलिसी लेनी पड़ती है। जिले में इस बार 1946 नोन-लोनी किसानों ने अपनी फसलों का बीमा करवाया था, परन्तु दस्तावेजों की कमी बताकर बीमा कम्पनी ने उक्त किसानों की पॉलिसी को अप्रूव नही किया है। जबकि अन्य लोनी किसानों की पॉलिसी को अप्रूव कर दिया गया है। यही नहीं रबी सीजन 2021-22 के भी अब तक 731 मामले बीमा कंपनी ने अधर में लटका रखे है। खरीफ सीजन 2021 में भी 201 किसानों की बीमा पॉलिसी को कंपनी द्वारा अप्रूव नही किया गया था। कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है।
पोर्टल पर फोटो अपलोड करने का पैमाना कम, नहीं हो पा रहे दस्तावेज अपलोड-
बीमा पॉलिसी को अप्रूव करवाने के लिए कृषि अधिकारियों, सीएचसी संबंधित अधिकारी व बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच में अहम बैठक आयोजित हुई। परन्तु बैठक के दौरान बीमा कम्पनी ने 1946 किसानों की बीमा पॉलिसी को यह कहकर अप्रूव करने से मना कर दिया कि इनके पूरे दस्तावेज उनके पास उपलब्ध नही है। जिसकी बड़ी वजह पोर्टल पर फाइल साइज को बताया जा रहा है। सीएचसी से संबंधित अधिकारियों ने बताया कि पोर्टल पर फाइल साइज महज 1एमबी का है। जबकि किसान के दस्तावेजों की कॉपी अपलोड करने में काफी अधिक साइज की आवश्यकता है। किसानों के दस्तावेज सीएचसी पर मौजूद है, लेकिन अपलोड़ नही हो पा रहे है। सीएचसी संबंधित अधिकारियों ने बीमा कम्पनी को भौतिक तौर पर दस्तावेज सौंपने की बात भी कही। लेकिन कंपनी की तरफ से जरूरी कदम नहीं उठाएं जा रहे है।
जिले में योजना का लाभ लेने के लिएं करीब 23 हजार 700 किसानों ने अपना बीमा करवाया है। इसमें से 1946 नोन-लोनी किसान है, जिनकी पॉलिसी अप्रूव नहीं हो पाई है। किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए कृषि विभाग लगातार कारगर कदम उठा रहा है। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े, इसके लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत एक विशेष कमेटी का गठन भी किया गया है।

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