धरती-पुत्रों पर कहर बनकर बरसीं बारिश-: खेत से लेकर मंडी तक किसान पर दोहरी मार
सोनीपत
जिले में शनिवार सुबह से रूक-रूककर हो रही बारिश धरती-पुत्रों पर कहर बनकर बरसीं। बारिश के चलते किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। खेत में पहले से फसल में बारिश का पानी जमा है। वहीं मंडी में पहुंचने पर किसानों को अपनी फसल बेहद कम भाव पर बेचने को मजबूर होना पड़ा। किसान को निराशा के अलावा मंडी में कुछ नहीं मिल पा रहा है। मंडी में बेहत्तर सुविधा उपलब्ध करवाने के मार्केट कमेटी के दावों की पोल बारिश ने खोल दी। किसान के खेत से मंडी में पहुंचा करीब 3000 क्विंटल धान बारिश में भीग गया। मंडी में बने शैड के नीच आढ़तियों की फसल पड़ी होने के चलते किसानों को खुले में फसल डालने पर मजबूर होना पड़ा। खरीफ सीजन के तहत जिले की मंडियों में की जा चुकी 30 हजार 447 मिट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है।
बता दें कि शुक्रवार सुबह से रूक-रूककर हो रही बारिश ने किसानों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। सोनीपत अनाज मंडी में हर रोज 20 से 22 हजार बैग धान पहुंच रहा था। धान का भाव भी किसानों को पिछले सालों की अपेक्षा अधिक मिल रहा था। शुक्रवार को आसमान में छाए बादलों के बाद से ही धान की खरीद प्रक्रिया धीमी हो गई। खरीददारों की कमी के कारण शुक्रवार को भी काफी मात्रा में धान बिना बिके रह गया था। वहीं शनिवार को सुबह से लेकर शाम तक हुई बरसात के कारण किसानों के लिए परिस्थितियां और अधिक गंभीर हो गई। खेत से लेकर मंडी तक किसानों को अपनी फसल को बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। सोनीपत मार्केट कमेटी के व्यवस्थाओं के लेकर किए गए दावों के बावजूद मंडी में 2 से 3 हजार बैग धान भीग गया। ऐसे में अगर बरसात का दौरा अगले दो से तीन दिनों तक बना रहा, तो किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मंडी में शैड के नीचे व्यापारियों को धान, किसान खुले में डालने पर मजबूर-
खेत में किसान की फसल पर बारिश कहर बनकर बरसीं है। वहीं मंडी में उठान प्रक्रिया बेहद धीमी है, जिसकी वजह से शैड के नीचे काफी संख्या में व्यापारियों का ही धान जमा है। ऐेसे में किसानों को बरसात के मौसम में अपना धान शैड के नीचे उतारने की जगह ही नही मिल पा रही है। कई किसानों को मजबूरी में खुले आसमान के नीचे ही धान उतारना पड़ा है। किसानों ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि धान को ढकने के लिए उन्हें खुद के तिरपालों का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
धान में मिल नमी, 2051 रुपये प्रति क्विंटल में बेचने पड़ी फसल,3451 रुपये अधिकतम बोली-
शनिवार को बरसात के बीच सोनीपत अनाज मंडी में 101 से अधिक गेट पास कटे। दिनभर मंडी में करीब 7 से 8 हजार बैग धान पहुंचा। धान की किस्म 1509 की अधिकतम बोली 3451 रुपए प्रति क्विंटल तक लगी। हालांकि कुछ किसानों को धान में अधिक नमी होने की वजह से मजबूरी में 2051 रुपए प्रति क्विंटल तक अपना धान बेचना पड़ा। कई किसान ऐसे भी रहे, जिन्होंने धान का भाव कम लगने पर अपनी फसल नही बेची।
तीस हजार 447 मिट्रिक टन धान की खरीद-
जिला उपायुक्त ने बताया कि खरीफ सीजन के अंतर्गत जिला में धान और बाजरा की आवक के साथ ही सुचारू रूप से इनकी खरीद की जा रही है। सोनीपत जिला में 07 अक्टूबर सायं तक 30 हजार 447 मिट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इनमें ग्रेड-ए 01 हजार 400 मिट्रिक टन तथा 1509 किस्म 29 हजार 047 मिट्रिक टन शामिल है। इसके अलावा जिला की सभी खरीद केन्द्रों पर अब तक किसान 56 मिट्रिक टन बाजरा लेकर पहुंचे है। जिसकी खरीद की जा चुकी है।