ज्यादा दिन तक नहीं टिकता अनीति द्वारा इकट्ठा धन : जीयर स्वामी
बलिया, 09 अगस्त। छल, कपट चोरी, बेईमानी, अनीति और उपद्रव द्वारा धन का संग्रह नहीं करना चाहिए। ये बातें श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी ने गंगा किनारे जनेश्वर मिश्र सेतु के पास चल रहे अपने चातुर्मास व्रत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि अनीति के वृक्ष पर पाप के फल का सुख का स्वाद बहुत दिनों तक कामयाब नहीं रहेगा। कुछ दिनों के लिए हो सकता है की अनीति पर चलने से हम बढ़ जाएं, लेकिन कामयाबी नहीं मिलेगी। इसी का नाम अस्तेय है।
जीयर स्वामी ने कहा कि कभी भी व्यक्ति आगे बढ़ना चाहता हो तो नीति वाक्य है कि अपने से जो कम औकात वाले लोग हैं उन पर ध्यान दीजिए। तब उसको पता चलेगा कि हमारे ऊपर भगवान की क्या कृपा है। हमलोगों को भोजन भी मिल जाता है। ऐसे भी दुनिया में लोग हैं कि खाएंगे तो कल क्या खाएं यह सोचना है। कम से कम भगवान ने इतना कृपा किया है न कि हमें दोनों समय भोजन तो मिल रहा है।
परिवार के संबंधों को लेकर जीयर स्वामी ने कहा कि परिवार के लोगों का तबतक संबंध रखें, जब तक परिवार के लोग अपना समझें। जगत तथा जगत की वस्तु में आशक्ति का त्याग होना चाहिए। हींग का उदाहरण देते हुए बोले, हींग के डिब्बे से हींग खत्म होने के बाद भी हींग का सुवास खत्म नहीं होता है। यही आसक्ति है। परिवार के लोगों का तब तक भरण-पोषण संबंध रखना चाहिए, जब तक परिवार के लोग अपना समझें। जब परिवार के लोग आपसे सबंध को तोड़ दें या परिवार के लोग आपसे कुछ नहीं चाहते हों, उन्हें भी बहुत कुछ सलाह नहीं दीजिए। जो भोजन मिले उसे खा लीजिए, जो कपड़ा मिले पहन लीजिए, जहां रहने को कहें वहां रहिए, बाकी विशेष कुछ मत कहिए।