राष्ट्रीय

मनोरंजन जगत में काम करने वाले बाल कलाकारों को मिले अधिकार, एनसीपीसीआर ने जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली, 27 जून । मनोरंजन जगत में बाल कलाकारों के हितों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के तहत अब फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के दौरान बाल कलाकारों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ उन्हें समय पर मजदूरी, सुरक्षित काम करने का माहौल और पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक गायकों और खिलाड़ियों सहित सभी बाल कलाकारों को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के साथ पंजीकृत किया जाना चाहिए और बाल श्रम और किशोर अधिनियम, 1986 की धारा 17 के तहत समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए।

दिशा-निर्देश में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि किसी भी ऑडियो-विजुअल मीडिया प्रोडक्शन में बाल कलाकारों की भागीदारी वाले व्यावसायिक कार्यक्रम के निर्माता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी फिल्मों, टेलीविजन कार्यक्रमों, विज्ञापनों, रियलिटी शो, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसका डिसक्लेमर दिया जाए। एक डिसक्लेमर के साथ यह निर्दिष्ट किया जाना चाहिए कि यदि कोई बच्चा शूटिंग में शामिल है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए थे कि शूटिंग की पूरी प्रक्रिया के दौरान ऐसे बच्चे के साथ कोई दुर्व्यवहार, उपेक्षा या शोषण नहीं हुआ है।

यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट, यदि आवश्यक हो, जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) को कार्यस्थल का निरीक्षण करने का निर्देश देंगे और तदनुसार निर्माता को परमिट जारी करेंगे, जो केवल छह महीने के लिए वैध होगा।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बताया कि फिल्मों, टीवी, रियलिटी शो, ओटीटी प्लेटफॉर्म, समाचार और सोशल मीडिया वेबसाइटों में काम कर रहे बाल कलाकारों को हर तरह के शोषण से बचाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker