दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए
नई दिल्ली, 01 जुलाई । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आयोजित दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी की अनाधिकृत कालोनियों में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी। साथ ही उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा पानी को रिसाइकिल व रियूज करने के निर्देश दिए।
बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली के 6 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने के लिए 1367.5 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, राजधानी की 13 अनधिकृत कॉलोनियों समेत 4 गांव में सीवर लाइन बिछाई जाएंगी, जिससे करीब 3 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ओखला एसटीपी से यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के लिए एक कनेक्टिंग लाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा ग्राउंडवाटर को रिचार्ज करने के लिए ओखला एसटीपी के पास झीलें भी विकसित की जाएगी। ताकि पानी को एसटीपी से सीधे झीलों में छोड़ा जाए। दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में 1855 करोड़ रूपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी दिल्ली सरकार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी है। दिल्ली में 299 जलाशय और 9 झीलों को विकसित किया जा रहा है। इनमें कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। झीलों व जलाशयों के पुनर्जीवित होने से राजधानी की बायोडायवर्सिटी में भी सुधार होगा और साथ ही आसपास के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा।
एक तय भूजल स्तर पर उस पानी का इस्तेमाल पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए भी कर पाएगा। दिल्ली की सभी झीलों व जलाशयों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ताकि इनके सुंदरीकरण के साथ ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सके। इसके अलावा महरौली एसटीपी से ट्रीटेड पानी को डीएलएफ छतरपुर, सतबारी और राधे मोहन ड्राइव फार्म हाउस में सप्लाई किया जाएगा, ताकि बोरवेल से पानी निकलने की नौबत न आए।
यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही दिल्ली सरकार का मुख्य मकसद
सिसोदिया ने कहा कि पानी व सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है। लोग टैक्स देते हैं, इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर पर उनका हक है। केजरीवाल सरकार ने यमुना नदी को अगले तीन साल में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है।
इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है।