राष्ट्रीय

 देश के गौरव को बढ़ाने वाला प्रत्येक कार्य डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता : प्रधानमंत्री मोदी

बनासकांठा/नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश और गुजरात का गौरव बढ़ाने वाला प्रत्येक कार्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास में है।

प्रधानमंत्री ने बनासकांठा जिले के थराद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जलापूर्ति से संबंधित 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने मुख्य नर्मदा नहर से कसारा-दंतीवाड़ा पाइपलाइन सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिस पर 1560 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना से पानी की आपूर्ति बढ़ेगी और क्षेत्र के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

मोदी ने कार्यक्रम में संबोधन की शुरुआत मोरबी केबल पुल हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए की। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात और पूरा देश कल मोरबी में हुई त्रासदी के बाद लोगों की मौत के दुख में डूबा हुआ है। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम तहे दिल से राहत कार्य के लिए काम कर रही है। मैं मुख्यमंत्री और राहत कार्य में लगे अधिकारियों के लगातार संपर्क में हूं। एनडीआरएफ की टीम और सशस्त्र बलों के जवान पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने प्रदेश की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, “मैं अंबाजी की धरती से गुजरात के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”

दुख की इस घड़ी में कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अपनी दुविधा साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके मन में दो विचार थे कि वह इस आयोजन को रद्द करें या नहीं, लेकिन बनासकांठा में जलापूर्ति परियोजनाओं के महत्व और लोगों के प्यार को देखते हुए उन्होंने अपने उत्साह को बढ़ाया और 8000 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए आगे आए। उन्होंने रेखांकित किया कि इन परियोजनाओं से बनासकांठा, पाटन और मेहसाणा सहित गुजरात के छह से अधिक जिलों में सिंचाई सुविधाओं में मदद मिलेगी। राज्य ने अतीत में जिन कठिन समय का सामना किया है, उसे याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गुजरात के लोगों की अटूट भावना है जो उन्हें किसी भी संसाधन के साथ किसी भी विपत्ति से निपटने की ताकत देती है। बनासकांठा इसका जीता-जागता उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब उत्तरी गुजरात के हजारों जिलों में फ्लोराइड दूषित पानी था और कहा कि पानी से संबंधित मुद्दों का क्षेत्र में कृषि जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया, हालत ऐसी थी कि अगर कोई जमींदार अपनी जमीन बेचना चाहता था तो उसे कोई खरीदार नहीं मिलता था। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब से मैं भूमि का ‘सेवक’ बना हूं, यह हमारी सरकार थी जिसने क्षेत्र की समस्याओं की पहचान की और उन्हें अत्यंत समर्पण और ईमानदारी से पूरा करने की दिशा में काम किया।” मोदी ने कहा, “हमने जल संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया, चेक डैम और तालाब बनाए।” प्रधानमंत्री ने सुजलम-सुफलाम योजना, वासमो योजना और पानी समितियों का उदाहरण दिया। उन्होंने महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया, जिसके परिणामस्वरूप कच्छ सहित पूरे उत्तर गुजरात क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई और ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ मॉडल के साथ-साथ कृषि, बागवानी के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिला।

प्रधानमंत्री ने कहा, “एक तरफ हमारे पास बनास डेयरी है जबकि दूसरी तरफ 100 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट है, हमने इस क्षेत्र के हर घर में नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया है।” मोदी ने रेखांकित किया कि ड्रिप सिंचाई और सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों ने पूरे देश का ध्यान बनासकांठा की ओर खींचा है और विश्व स्तर पर पहचान भी हासिल की है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज बनासकांता विकास के इतिहास में अपना ही अध्याय लिख रहा है।” उन्होंने बताया कि बनासकांठा में 4 लाख हेक्टेयर भूमि ड्रिप और सूक्ष्म सिंचाई के उपयोग के लिए समर्पित है, जिसके परिणामस्वरूप जल स्तर और कम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, “इससे न केवल आपको लाभ हो रहा है बल्कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी सुरक्षित हो रहा है।”

पिछले 19-20 वर्षों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि सुजलम-सुफलम योजना के तहत सैकड़ों किलोमीटर की लंबी रिचार्ज नहरें बनाई गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि पाइपलाइन बिछाने और भूजल के बढ़ते स्तर के कारण गांव के तालाबों को भी पुनर्जीवित किया गया है। प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि जो दो पाइपलाइन बनने वाली हैं, उससे एक हजार से ज्यादा गांव के तालाबों को फायदा होगा। परियोजना की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि मुक्तेश्वर बांध और कर्मवत तालाब तक पाइपलाइन का विस्तार किया जा रहा है और ऊंचाई वाले स्थानों पर बिजली के पंपों की मदद से पानी उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नर्मदा की मुख्य नहर से एक वितरण नहर का निर्माण किया जा रहा है जिससे थरद, वाव और सुईगांव तालुका के दर्जनों गांवों को लाभ होगा। पाटन और बनासकांठा के 6 तालुकों के कई गांवों को भी कसरा-दंतीवाड़ा पाइपलाइन से लाभ होगा। आने वाले समय में नर्मदा नदी का पानी मुक्तेश्वर बांध और कर्मवत तालाब में आएगा। इससे बनासकांठा के वडगाम, पाटन के सिद्धपुर और महेसाणा के खेरालू तालुका को फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी को पानी देना एक पवित्र कार्य माना जाता है, जिसे पानी मिलता है वह अमृत का वाहक होता है और वह अमृत व्यक्ति को अजेय बना देता है। लोग उस व्यक्ति पर अपना आशीर्वाद देते हैं। यही हमारे जीवन में पानी का महत्व है। इस संबंध में किए गए विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि और पशुपालन में नई संभावनाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने भूमि के उत्पादन में वृद्धि के कारण फलते-फूलते खाद्य-प्रसंस्करण उद्योग पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक ऐसे विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं जहां किसान न केवल अनार के पेड़ का मालिक है बल्कि जूस बनाने वाली इकाई में भी हिस्सेदारी रखता है। प्रधानमंत्री ने उन सखी मंडलों पर भी प्रकाश डाला जो आज फल और सब्जियों से लेकर अचार, मुरब्बा और चटनी तक कई उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में वन धन केंद्र खोले गए हैं ताकि आदिवासी महिलाओं का सखी मंडल वनोपज से बेहतरीन उत्पाद बना सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है। उन्होंने किसानों के लिए उर्वरकों के लिए अखिल भारतीय आम ब्रांड नाम ‘भारत’ के शुभारंभ के बारे में भी बात की, जिसने किसानों के बीच भ्रम को खत्म कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार किसानों को यूरिया की बोरी 260 रुपये में उपलब्ध करा रही है जबकि अंतरराष्ट्रीय कीमत 2000 रुपये से अधिक है। इसी तरह, उन्होंने खुशी व्यक्त की कि बनास डेयरी का विस्तार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और झारखंड तक हो गया है। गोवर्धन, जैव ईंधन जैसी योजनाओं से पशुधन की उपयोगिता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।

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