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जंबूरी विलेज निंबला ब्राह्माण में होगा भारत दर्शन, भारत समेत दस देशों से आएंगे स्काउट्स गाइड्स

पाली, 22 दिसंबर। राजस्थान में 67 साल बाद राष्ट्रीय स्काउट्स गाइड जंबूरी का आयोजन किया जा रहा है। मारवाड़ अंचल में 4 से 10 जनवरी तक चलने वाली इस राष्ट्रीय जंबूरी के लिए खास तौर पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जोधपुर और पाली के बीच स्थित निंबला ब्राह्माण क्षेत्र में करीब 2000 बीघा जमीन पर इसके लिए करीब 6 माह में एक गांव विकसित किया गया है।

राजस्थान स्काउट्स गाइड के स्टेट कमिश्नर निरंजन आर्य ने बताया कि इस जंबूरी में 35 हजार बच्चे भाग लेंगे, जिनमें से 13 हजार बच्चे राजस्थान से होंगे। इसके अलावा विदेश से भी करीब 500 स्काउट्स गाइड शामिल होंगे। जम्बूरी का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। राजस्थान में इससे पहले देश की दूसरी राष्ट्रीय जंबूरी 1956 में जयपुर में आयोजित हुई थी। जंबूरी विलेज में सभी तरह की सुविधाएं विकसित की गई हैं। जंबूरी में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को आयोजन के बाद राष्ट्रपति हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

भारत स्काउट्स गाइड के संयुक्त निदेशक अमर क्षेत्री ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश का सबसे बड़ा आयोजन ये जंबूरी है। इसमें एकता में विभिन्नता और मिनी भारत की झलक देखने को मिलेगी। भारत स्काउट्स गाइड्स ने अपने संगठन से देश में 52 राज्य बना रखे हैं। इनमें भारत के सभी राज्य व संघ शासित प्रदेश शामिल हैं। करीब 35 हजार स्काउट्स गाइड्स इस जंबूरी में हिस्सा लेने के लिए यहां आएंगे। इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश, केन्या, घाना, सऊदी अरब और श्रीलंका सहित 10 देशों से भी स्काउट्स गाइड्स आ रहे हैं।

स्काउट्स गाइड्स, राजस्थान के राज्य संगठन आयुक्त पूरण सिंह शेखावत ने बताया कि छह माह पहले इस भूमि पर झाड़ियां थीं, जिन्हें साफ कर यहां गांव विकसित किया गया है। यहां आने वाले सभी लोगों के लिए सेंट्रल किचन के बजाय स्टेट किचन की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी अलग-अलग रुचि अनुसार भोजन कर सकें। उन्होंने बताया कि सभी अपनी सामग्री साथ लाएंगे। इसके अलावा सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए मार्केट होगा। राजस्थान की ओर से पेट्रोलिंग किचन उपलब्ध होगा। सभी बच्चे अपने टीचर के मार्गदर्शन में किचन संभालेंगे।

जंबूरी विलेज में सभी 35 हजार स्काउट्स गाइड को बिठाने के लिए एक अस्थायी एरिना बन रहा है। बल्लियों व लकड़ी से बन रहे इस एरिना की क्षमता जयपुर के एसएमएस व जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम से अधिक है। एरिना के अतिरिक्त पूरा गांव बसाने में राज्य सरकार के एक दर्जन से अधिक विभाग के अधिकारी दिन-रात लगे हुए हैं, जिसकी मॉनिटरिंग 12 आईएएस अधिकारी कर रहे हैं। जंबूरी विलेज को 40 भागों में बांटा गया है। इसमें गाइड व स्काउट्स के रहने की अलग-अलग व्यवस्था है। दोनों के अलग-अलग जोन भी तैयार किए गए हैं। इससे अलग सभी गतिविधियां एक साथ होगी। हर टेंट में 9-9 स्काउट्स व गाइड के रहने की व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा उनके साथ एक-एक टीचर भी होंगे। यानी एक टेंट में कुल दस लोग ठहरेंगे।

जंबूरी में स्काउट गाइड गतिविधियों और प्रतियोगिताओं को प्रेरक और रोचक बनाने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम होंगे। इनमें ग्रुप एक्टीविटी (विंग वाइज) स्टेट गेट, कैम्प फायर, (रंगोली गाइड), पायनियरिंग प्रोजेक्ट (स्काउट), फन बेस्ड एक्टीविटी, एडवेंचर एक्टीविटी, इन्टलेक्चुअल बेस्ड एक्टीविटी, सर्विस ओरिएन्टेड एक्टीविटी, ग्लोबल विलेज एक्टीविटी, इन्टीग्रेशन गेम्स एण्ड कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम होंगे।

जंबूरी में आने वाले स्काउट्स व गाइड्स के लिए जिप लाइन, वॉच टावर, रॉक क्लाइंबिंग, टायर वॉल बनाई जा रही है, जो उनके शारीरिक दमखम दिखाने में सहयोगी होगी। इसके अलावा यहां पर फूड प्लाजा, मार्केट, अस्थाई हॉस्पिटल और हेलीपैड भी बनाए गए हैं। पूरे जंबूरी विलेज को अलग-अलग भागों में बांट कर सुविधाएं विकसित की गई हैं। स्काउट्स गाइड्स के स्टेट कमिश्नर व पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि इतने बड़े आयोजन में सबसे बड़ी परेशानी बेसिक फैसिलिटी की होती है। इसके लिए हमने सुलभ इंटरनेशनल की मदद ली है, जो यहां शौचालय की व्यवस्था देखेगी। इसके अलावा जो संस्थान कुंभ के मेले में अस्थायी शौचालय लगाते हैं, उनकी भी सेवाएं ली गई हैं। यहां कुल 1600 शौचालय बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने जम्बूरी के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट दिया है, जबकि रीको 4 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

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