राष्ट्रीय

वैक्सीनेशन और एलोपैथिक दवाओं के बारे में बाबा रामदेव की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

नई दिल्ली, 23 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथिक दवाओं और वैक्सीनेशन के बारे में बाबा रामदेव की टिप्पणी पर नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि योग को लोकप्रिय बनाने के लिए हम बाबा रामदेव की इज्ज़त करते है परन्तु उन्हें इलाज के दूसरे तरीकों पर यूं सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्हें दूसरों की आलोचना करने से बचना चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने दायर याचिका में बाबा रामदेव के कोरोना वैक्सीन और एलोपैथिक दवाओं को लेकर दिए गए बयान पर नियंत्रण लगाने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। आईएमए ने याचिका में कहा है कि आयुष कंपनियां भी अपने बयानों से आम जनता को भ्रमित कर रही हैं। बाबा ने कहा था कि डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं लेते हैं लेकिन उन्हें भी कोरोना ने अपना शिकार बनाया। आईएमए ने कहा है कि इस तरह की भ्रामक बयानबाजी पर रोक लगाने की जरूरत है।

आईएमए ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई), सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) और पतंजलि आयुर्वेद तथा केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय को ऐसे विज्ञापनों और बयानों पर रोक लगाने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए गए बयानों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव के बयानों पर आपत्ति जता चुका है।

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