उत्तर प्रदेश

एक वर्ष बाद भी कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नहीं मिली उड़ान

कुशीनगर, 20 अक्टूबर। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 20 अक्टूबर को उड़ान शुरू हुए एक साल पूरा हो गया। गत वर्ष इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एयरपोर्ट का शुभारंभ किया था।

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कुशीनगर से दिल्ली, मुंबई व कोलकाता की उड़ान की घोषणा करते हुए कोविड की स्थिति सामान्य होते ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की घोषणा की थी। एक साल के भीतर इस एयरपोर्ट से विमानन सेवा प्रदाता कम्पनी स्पाइस जेट दिल्ली के लिए कभी नियमित, तो कभी अनियमित उड़ान भरती रही। इस दौरान उद्घाटन के दिन श्रीलंका से एक चार्टर अंतरराष्ट्रीय उड़ान के अलावा अप्रैल में वियतनाम के चार्टर अंतरराष्ट्रीय उड़ान ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग व टेक आफ किया। यानी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने के बाद भी एक साल की अवधि में मात्र दो अंतरराष्ट्रीय विमान एयरपोर्ट पर उतरे।

विमानन मंत्री की घोषणा के तत्काल बाद स्पाइस जेट ने दिल्ली, कोलकाता व मुंबई की उड़ान का शेड्यूल जारी किया था। दिल्ली की उड़ान तो अनियमित तरीके से हो रही हैं। कोलकाता की उड़ान तीन दिवस के होने के बाद बन्द हो गई। मुंबई की उड़ान शुरू ही नहीं हुई। कोविड की स्थिति सामान्य होने के बाद लोग उम्मीद पाले थे कि घरेलू उड़ानों की संख्या में वृद्धि होगी। विशेषकर जून माह में जम्मू के लिए उड़ान होने की चर्चा हुई। किंतु वर्तमान में उड़ान केवल सप्ताह में तीन दिवस दिल्ली तक सिमट कर रह गई है।

सड़क व आईएलएस का कार्य आगे बढ़ा

एयरपोर्ट से फोरलेन तक सड़क का निर्माण पूरा होने के कगार पर है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लोक निर्माण विभाग को सड़क के लिए बजट उपलब्ध कराया था। 22 करोड़ की लागत से बन रही यह सड़क टू लेन है। सड़क के पूरी तरह बन जाने से गोरखपुर व बिहार की तरफ से आने वाले लोग निर्बाध रूप से एयरपोर्ट तक आवागमन कर सकेंगे। विमानों के ऑटो मोड लैंडिंग सिस्टम के लिए 10 करोड़ की लागत से इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लगाने का कार्य शुरू हो गया है।

आरसीएस स्कीम न होने से कतरा रही विमानन कम्पनियां

एयरपोर्ट से मुंबई, कोलकाता आदि जगहों के लिए उड़ान शुरू न होने में आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) का न होना, बड़ी बाधा बन रहा है। कुशीनगर-दिल्ली की उड़ान आरसीएस से आच्छादित है। आरसीएस स्कीम में भारत सरकार विमान की खाली सीट के किराया का भुगतान सब्सिडी के रूप में करती है। मुंबई-कोलकाता आरसीएस स्कीम से आच्छादित नहीं है।

एयरपोर्ट निदेशक बी प्रदीप ने बताया कि घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा के विस्तार के लिए प्रयास चल रहा है। सड़क का कार्य पूरा होने की कगार पर है। आईएलएस लगाने का कार्य प्रगति पर है।

भंते अशोक का कहना है कि ‘कुशीनगर में म्यांमार, वियतनाम, कोरिया, थाईलैंड से विदेशी सैलानी आने शुरू हो गए हैं। पर्यटन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने का कोई प्रत्यक्ष लाभ होता नहीं दिख रहा। जनप्रतिनधियों को सरकार में प्रयास करना चाहिए ताकि हवाई यात्राएं कुछ बेहतर हो सके।

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