राष्ट्रीय

भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम चेंजर होंगी अरुणाचल प्रदेश की दो सुरंगें

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, पुलों और सुरंगों का जाल बिछाकर अग्रिम चौकियों तक भारतीय सेना के लिए आवाजाही आसान कर दी है। अगले चरण में अब अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांव सड़कों से जोड़े जाएंगे। फिलहाल बीआरओ अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में दो महत्वपूर्ण सुरंगें बना रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के मुद्दों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम चेंजर होंगी।

अधिकारियों का कहना है कि सीमा के बुनियादी ढांचे के मामले में भारत अभी भी चीन से काफी पीछे है लेकिन इस अंतर को कम करने के लिए भारत ने भी अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बीआरओ ने पिछले एक साल में 1,200 किलोमीटर का सड़क निर्माण कार्य और 2,850 किलोमीटर का सरफेसिंग कार्य पूरा किया है। इस 1,200 किलोमीटर में सिर्फ 162 किलोमीटर राजस्थान में है। बाकी जम्मू-कश्मीर से अरुणाचल तक उत्तरी सीमा पर बनाई गई हैं। वर्तक प्रोजेक्ट के तहत उत्तरी सीमा पर अग्रिम चौकियों को जोड़ने के लिए किये गए कार्यों में यांग्त्से के रणनीतिक क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क को रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है।

बीआरओ ने कुल 3,323 किलोमीटर लम्बी 61 सड़कों का निर्माण किया है, जिनमें अरुणाचल के यांग्त्से जैसे कुछ अग्रिम स्थानों को भी जोड़ा गया है। इसी तरह बीआरओ ने पिछले एक साल में 74 स्थायी पुलों और 33 बेली पुलों का निर्माण पूरा किया है। बीआरओ अधिकारियों के अनुसार 5,700 फीट की ऊंचाई पर 500 मीटर लंबी डी-आकार की सिंगल ट्यूब डबल लेन नेचिपु सुरंग बनाई जा रही है। इसी तरह पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारद्वार-तवांग (बीसीटी) सड़क पर ‘सुरंग’ का काम पूरा होने वाला है और सेला दर्रा सुरंग का निर्माण कार्य भी अगले 5-6 महीनों में पूरा हो जाएगा।

बीआरओ के अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने बताया कि सेला दर्रा मार्ग पर बनाई जा रही ट्विन ट्यूब सुरंग रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस सुरंग के जरिये पूरे वर्ष यातायात चालू रहेगा, जिससे सैन्य वाहन आसानी से अरुणाचल के तवांग सेक्टर तक पहुंच सकेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चीन के साथ सैन्य टकराव के बीच भारत ने अपने सैनिकों और हथियार प्रणालियों की अग्रिम क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए पिछले एक साल में युद्धस्तर पर काम किया है। अरुणाचल में यांग्त्से जैसे कुछ अग्रिम स्थानों को जोड़ा गया है। ज़ोजी ला, लाचुंग ला और शिंकुन ला से लेकर बारालाचा ला और नकी ला तक कई पहाड़ी दर्रे इस साल समय से पहले खुल गए हैं।

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