टीबी से ग्रस्त मरीजों को एनजीओ लेगें गोद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बुलाई बैठक
अलग-अलग 8 एनजीओ में बनी सहमति, मरीजों के खान-पान व रख-रखाव का रखेगें ख्याल
सोनीपत जिले में टीबी बीमारी से ग्रस्त मरीजों के खान-पान व उनके रख-रखाव का ध्यान अब सामाजिक स्तर पर काम करने वाले एनजीओ द्वारा रखा जायेगा। एनजीओ द्वारा मरीजों को गोद लेने की प्रक्रिया को शुरू किया है। जिसके तहत जिले में 938 टीबी बीमारी से ग्रस्त मरीजों को शामिल किया गया है। इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने एनजीओ के संचालक व पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में भाग लेने वाले आठ एनजीओ ने मरीजों को गोद लेने में अपनी सहमति जताई है। विभाग की तरफ से जल्द ही औपचारिकता पूरी कर मरीजों को गोद दिया जाएगा।
योजना के तहत नियमों की करनी होगी पालना-
बैठक के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने योजना के बारे में जानकारी दी। योजना के तहत एक मरीज को कम से कम साल भर और अधिकतम 3 साल तक गोद लिया जा सकता है। मरीज को गोद लेने के लिए निक्षय 2.0 वेब पोर्टल पर जाकर यूनिक नंबर जहां उसका नाम और पता होगा जिससे पहचान पता चलती है वो जानकारी नहीं होगी। उसपर क्लिक करें। उसके टीबी डिस्ट्रिक्ट आॅफिसर से कनेक्ट हो जाएंगे। वो अधिकारी उस मरीज की जानकारी देंगे। वेबसाइट पर शर्त है कि मरीज की डिटेल्स नहीं व्यक्त की जाएगी।
जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाना होगा लक्ष्य, गोद लेने की योजना चलाई-
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है और टीबी मरीजों को स्वस्थ करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के अंतर्गत टीबी मरीज को गोद लेने की योजना चलाई गई है। योजना में गोद लेने वाली संस्था या व्यक्ति को हर महीने 1000 रुपये कीमत वाली न्यूट्रिएंट्स किट मरीज को भेजनी होगी। बैठक में टीबी विभाग के नोडल अधिकारी डा. तरुण कुमार यादव, डा. नीरज यादव सहित एनजीओ के पदाधिकारी व संचालक मौजूद रहे।
वर्जन
टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए मिले जरूरी दिशा-निर्देशों की पालन की जा रही है। योजना को धरातल पर लागू करने के लिए एनजीओ के पदाधिकारियों व संचालकों के साथ बैठक की गई है। जिसमें आठ एनजीओ ने अपनी सहमति जताई है। कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद 938 मरीजों के रख-रखाव के लिए एनजीओ को सौंप दिय जायेगा।
डा. जय किशोर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।