राष्ट्रीय

अपने इतिहास पर श्रद्धा जरूरी, यही दिखाएगी विश्व को सही राह : मोहन भागवत

नई दिल्ली, 19 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि विदेशी विद्वानों ने अपने स्वार्थ में भारत के इतिहास का गलत चित्रण किया और हमने अपने इतिहास पर श्रद्धा के अभाव में इसे स्वीकार कर लिया। इसी कारण से आज हमें अपने इतिहास को सही ढंग से प्रस्तुत करने की जरूरत पड़ रही है।

डॉ. भागवत ने आज द्रौपदी ड्रीम ट्रस्ट द्वारा ”कनेक्टिंग विथ द महाभारत: हिस्ट्री, जियोग्राफी, कल्चर, आर्टी” पुस्तक का इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में विमोचन किया। नीरा मिश्रा एवं राजेश लाल द्वारा लिखित इस पुस्तक का प्रकाशन गरुड़ प्रकाशन ने किया है।

इस दौरान डॉ. भागवत ने कहा कि यह विज्ञान का युग है और विश्व सहित भारत भी कई समस्याओं से जूझ रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि हम अपने इतिहास, महापुरुषों और ज्ञान से विमुख हो गए हैं। यह ज्ञान हमें धर्मानुसार आचरण सिखाता है। डॉ. भागवत ने कहा कि अपने इतिहास पर श्रद्धा जरूरी है। यही विश्व को सही राह दिखा सकती है। उन्होंने कहा कि हम अगर महाभारत पढ़ते रहते तो इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि धर्म का अर्थ वर्तमान के समय में संतुलन, संयम और मध्यम मार्ग है।

सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि आज की आवश्यकता के चलते हम चीन, अमेरिका और रूस जैसे देशों की राह पर चल पड़े हैं, लेकिन हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। यह एकदम से संभव नहीं है इसके लिए हमें दीर्घकालीन लक्ष्य तय करने होंगे।

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