हिसार : युवराज सिंह, बबिता व युविका चौधरी के खिलाफ परामर्श के बाद होगी कार्रवाई
हिसार, 04 अक्टूबर। हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी तथा फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ थाना शहर हांसी में दर्ज मामलों में काफी समय बीत जाने के बाद भी चार्जशीट पेश न करने के मामले में थाना शहर हांसी प्रभारी, डीएसपी हांसी विनोद शंकर तथा स्टेट क्राइम ब्रांच हिसार के डीएसपी ललित कुमार ने हिसार की विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की। पुलिस अधिकारियों ने अदालत को बताया कि इस मामले में अभी जांच विचाराधीन है तथा विभाग के उच्चाधिकारियों से परामर्श के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में अदालत ने शिकायतकर्ता रजत कल्सन की याचिका पर स्टेट क्राइम ब्रांच हिसार के डीएसपी नोटिस जारी जांच क स्टेटस प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। अपनी स्टेटस रिपोर्ट में डीएसपी क्राइम ब्रांच ने अदालत को यह भी बताया कि अभिनेत्री युविका चौधरी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है जो विचाराधीन है । इसके अतिरिक्त युवराज मामले में युवराज की टिप्पणी वाली वीडियो डीवीडी एफएसएल चंडीगढ़ में जांच के लिए गई हुई है, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह तथा तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी तथा बॉलीवुड अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने थाना शहर हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कराए थे।
युवराज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए 17 माह बीत चुके हैं तथा मुनमुन दत्ता तथा युविका चौधरी के मुकदमे दर्ज हुए 15-15 माह बीत चुके हैं। इन मामलों में आज तक पुलिस विशेष अदालत में चालान पेश नहीं कर सकी है। शिकायतकर्ता रजत कल्सन ने आरोप लगाया कि उपरोक्त मामले में पुलिस जानबूझकर तीनों सेलिब्रिटीज को फायदा पहुंचाने के लिए अदालत में चालान पेश करने में देरी कर रही है व मामले में आपराधिक कानून प्रक्रिया के तहत चलने की वजह अपने अधिकारियों के निर्देश पर चलने की बात कही जा रही है।उपरोक्त मामले अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज हैं जिसमें पुलिस को 60 दिन की टाइम बाउंड अवधि के दौरान अदालत में चालान पेश करना होता है।