भोगीपुर के दिनेश का नाम दर्ज हुआ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में
गन्नौर। कविताएं, लघुकथाएं और फिर समसामयिक मुद्दों पर आर्टिकल्स लिखते-लिखते रद्दी माने जाने वाले अखबारों से महत्वपूर्ण खबरों की ई-पेपर कटिंग्स अपने मोबाइल फोन में इकट्ठा करते हुए भोगीपुर गांव के दिनेश दिनकर ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है। गन्नौर के ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार दिनेश ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है। युवा कवि-लेखक के रूप में काम कर रहे दिनेश दिनकर ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन्होंने महत्वपूर्ण खबरों की कुल 84,000 ई-पेपर कटिंग्स को अपने मोबाइल फोन में इकट्ठा कर रखा है। ई-पेपर कटिंग्स को आध्यात्मिक विचार, साहित्य संसार, फाइल फॉर आर्टिकल,’यूडिशियल जजमेंट, पुलिस विभाग, खेल खबर, यूथ द विनर, जिंदगी…कुछ अलग-सी, इंस्पिरेशनल पर्सेनालिटी, विदेशी मामले जैसे विभिन्न फोल्डर में सेव किया हुआ है। ये खबरें काफी रोचक एवं ज्ञानवर्धक हैं। जिसके लिए इनके कलेक्शन को विशेष मानते हुए इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स द्वारा इन्हें सर्टिफिकेट, मेडल, पेन, आईडी कार्ड, कार स्टिकर्स, एक बैज तथा इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स-2022 की पुस्तक भेजी गई है। दिनेश ने अपने इस रिकॉर्ड के बारे में बताया कि जुलाई माह में इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड को अपने इस कलेक्शन के बारे में ई-मेल के जरिए सूचना दी थी। वहां से सहमति मिलने के बाद पैनड्राइव में डाटा भेजा था और फिर प्रक्रियानुसार एक वकील के द्वारा लैटर पैड पर रिकमेंडेशन चाहिए थी जिसके लिए सीनियर एडवोकेट एस.पी.वर्मा ने उनका सहयोग किया। पिछले सप्ताह सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स की तरफ से अचीवर्स पैक भेजा गया। दिनेश दिनकर के बड़े भाई नंबरदार प्रदीप चौपड़ा, इंस्पेक्टर आनंद चौपड़ा ने बताया कि दिनेश बचपन से ही भीड़ से हटकर काम करने में रुचि रखता है। जिस कारण इसकी उपलब्धियां भी आसपास के गांवों में सबसे अलग और विशेष रही हैं। दिनेश के पिता बलबीर सिंह ने इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स की टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। बता दें कि दिनेश दिनकर के नाम से साहित्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे दिनेश का पहला काव्य संग्रह ..तो समझो प्यार हुआ! काफी चर्चित रहा है।